
सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने एक चौंकाने वाला फरमान जारी किया है। दरअसल डीपीआरओ सतीश कुमार ने आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करते पाया गया तो उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा जिसमें आपराधिक साजिश की धाराएं भी शामिल होंगी।
जिला पंचायतराज अधिकारी सतीश कुमार ने यह आदेश जारी करते हुए बताया कि गांव में टॉयलेट बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। शासन की इच्छा के मुताबिक प्रशासन जिले को खुले में शौच से मुक्त करने का पूरा प्रयास कर रहा है।
कुछ लोग इस योजना को ठेंगा दिखाते हुए सफल नहीं होने देना चाहते। वे अब भी खुले में शौच जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर वे खुले में शौच करते पाए गए तो उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र किए जाने की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि यह धाराएं उन पर इसलिए लगाई जाएंगी कि वे लोक सेवक को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोक रहे हैं। साथ ही वे खुले में शौच कर खतरनाक रोग फैलाकर लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं। ये गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर आईपीसी की धाराएं 120 ए, 186 और 269 लगाई जाएंगी। इन धाराओं में छह महीने तक की जेल हो सकती है।
डीपीआरओ ने बताया कि सहारनपुर में 90,000 टॉयलेट बनवाए जा चुके हैं जबकि 2.19 लाख घरों में टॉयलेट बनवाने का लक्ष्य रखा गया है। हर घर में टॉयलेट बनवाने के लिए 2 अक्टूबर 2018 तक का समय है। प्रशासन को उम्मीद है कि जुलाई के अंत तक जिले को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त करा लेंगे।

Published on:
05 Apr 2018 07:46 pm
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