
संभल में बुलडोजर का खौफ! Image Source - 'FB' @drazimushan
Bulldozer action marriage hall mosque demolition in Sambhal: संभल जिले के राया बुजुर्ग गांव में गुरुवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। तालाब की जमीन पर बने 30 हजार वर्गफीट के अवैध मैरिज हॉल को 4 बुलडोजरों की मदद से महज 4 घंटे में जमींदोज कर दिया गया। कार्रवाई सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और दोपहर 3:30 बजे तक चली। हॉल का गेट नहीं तोड़ा गया, लेकिन पूरी इमारत ढहा दी गई।
मैरिज हॉल के बगल में बनी 550 वर्गफीट की मस्जिद के लिए लोगों ने डीएम राजेंद्र पेंसिया से 4 दिन का समय मांगा। अनुमति मिलने के बाद ग्रामीणों ने खुद ही मस्जिद की दीवारें तोड़ना शुरू कर दिया। गांव के लोगों ने कहा कि प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए वे अपनी तरफ से मस्जिद को पूरी तरह हटा देंगे।
इस कार्रवाई के दौरान DM राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण विश्नोई मौके पर मौजूद रहे। चार थानों का पुलिस बल, सीओ, एसडीएम, 15 एसआई और एक प्लाटून PAC तैनात की गई थी। लगभग 200 पुलिसकर्मी इलाके में मुस्तैद रहे और ड्रोन से भी लगातार निगरानी की गई। गांव में धारा 144 लागू की गई थी ताकि कोई विरोध न हो सके।
बुलडोजर एक्शन पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने X पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि ध्वस्तीकरण में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा और बुलडोजर का इस्तेमाल कर ‘जुल्म’ किया जा रहा है। ओवैसी ने शेरों के जरिए भी प्रशासनिक कार्रवाई की आलोचना की।
तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि मैरिज हॉल और मस्जिद का निर्माण 10 साल पहले हुआ था। गांव के ही मिंजार नामक व्यक्ति ने चंदा इकट्ठा कर यह निर्माण करवाया था। वह मस्जिद का मौलाना और दोनों परिसरों का मुतवल्ली भी था। अवैध अतिक्रमण पर चल रहे सर्वे के दौरान इस निर्माण की जानकारी सामने आई थी।
गांव के लोगों ने बताया कि मैरिज हॉल गरीबों की शादियों के लिए बनाया गया था। यहां शादी कराने पर किसी से भी किराया नहीं लिया जाता था। ग्रामीणों का कहना है कि 60-70 लाख की लागत से बना हॉल अब ढहा दिया गया। गरीब परिवार अब कहां शादियां करेंगे? कई लोगों ने रोते हुए कहा कि प्रशासन से जमीन मांगने के बावजूद उनकी अपील पर ध्यान नहीं दिया गया।
संभल एसपी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि प्रशासन ने पहले ही 30 दिन का समय दिया था। इसके बाद भी जब अवैध कब्जा नहीं हटाया गया, तो कार्रवाई करनी पड़ी। 2 सितंबर को नोटिस जारी किया गया था और 13 सितंबर को जमीन पर लाल निशान भी लगाए गए थे। प्रशासन का दावा है कि पूरी कार्रवाई नियमानुसार की गई है।
Published on:
03 Oct 2025 09:17 am
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