भालचंद यादव ने 2004 और 2009 में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और यहां से बीजेपी के शरद त्रिपाठी ने चुनाव जीता था।
अभी हाल ही में भालचंद यादव के वेंकैया नायडु के साथ तस्वीर वायरल होने और खलीलाबाद के बीजेपी विधायक के यहां शादी समारोह में शामिल होने के बाद इस बात को लेकर अटकलें तेज है कि कि भालचंद यादव बीजेपी का दामन थाम सकते हैं । भालचंद यादव सपा के पुराने नेताओं में से एक हैं और वह शिवपाल और मुलायम सिंह यादव के करीबी हैं। शिवपाल यादव से इनकी नजदीकी भी उनकी दावेदारी को कमजोर करती है।
पूर्वांचल में बाहुबली नेता के रूप में एक अलग पहचान रखने वाले संत कबीर नगर जिले के निवासी भालचंद यादव जो संत कबीर नगर संसदीय सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं और इनका भी सपा के लिए प्रत्याशी के रूप में एक जगह लगभग तय मानी रही थी, मगर इसी बीच सपा- बसपा गठबंधन की खबरें आने लगी । इस सीट से बसपा से भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और पीस पार्टी के डॉ. अयूब की भी इस सीट से मजबूत दावेदारी है, ऐसे में भालचंद यादव को अखिलेश यादव टिकट दें, इसकी संभावना कम जताई जा रही है।
संतकबीरनगर सीट पर बसपा का दावा मजबूत तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे और बाहुबली के रूप में जाने जाने वाले हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी जो संतकबीरनगर से दो बार सांसद रह चुके हैं जिनके नाम पर 2019 में भी बसपा से प्रत्याशी के रूप में मुहर लगनी लगभग तय है, ऐसे में भालचंद यादव कब ठिकाना बदलते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा ।