सतना। सिंहस्थ महाकुंभ में सिर्फ छह माह बचे हैं। मध्यप्रदेश साधु-संतों की आवभगत के लिए तैयार है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर मौजूद साधु संत भी इसकी तैयारी में हैं। ये सभी सिंहस्थ के आकर्षण का केंद्र होंगे। इनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की जिज्ञासा सबके मन में होती है। फौरी तौर पर देखने में भले ही भिन्नता नजर न आए, लेकिन गौर से देखने पर तो इनके कई रूप मिलेंगे। अखाड़ों का हर क्रियाकलाप परम्पराओं पर आधारित है, वहीं इनके साधु-संतों के नाम, पहनावा, शृंगार आदि के पीछे कारण निर्धारित हैं। आज हम आपको इनका बोलचाल व गोपनीय शब्दों के बारे में रोचक जानकारी दे रहे हैं-