
Ajax coordinator dead case: Nose and mouth were killed by murder
सतना। जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग अभिषेक सिंह ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि नाक-मुंह दबाकर उनकी हत्या की गई है। मेडिकल कॉलेज रीवा की आठ सदस्यीय डॉक्टर टीम ने पोस्टमार्टम के बाद शार्ट रिपोर्ट में पुलिस से इसकी पुष्टि की है। शार्ट पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध कायम कर लिया है। इस गंभीर वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने डीएसपी अमर सिंह के नेतृत्व में तफ्तीश शुरू कराई है।
जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग अभिषेक सिंह पुत्र ब्रहस्पति सिंह (37) का शव मंगलवार की सुबह सरकारी बंगले आर-265 के कमरे से बरामद हुआ था। घटना के बाद पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही थी और सामने आए तथ्यों के बाद हत्या से भी इनकार नहीं किया जा रहा था। इस बीच जब मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई तो मामला गंभीर हो गया। अब पुलिस बारीकी से तथ्यों की जांच में जुटी है।
पता करना होगा घटना स्थल
जानकारों का मानना है कि अभिषेक की हत्या वहां नहीं की गई जहां उसका शव मिला है। संदेह है कि हत्या करने का घटना स्थल दूसरा है और शव को बेड पर लाकर रख दिया गया। आत्महत्या साबित करने इंसुलिन का इंजेक्शन और दवा भी रखी गई। एक संदेह यह भी है कि हत्या करने वालों ने अभिषेक को इंसुलिन भी दिया है ताकि उसके बचाने की उम्मीद न रहे। हालांकि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने पर इसकी पुष्टि हो सकेगी। लेकिन पुलिस के लिए पहला टास्क यही है कि घटना स्थल पता किया जाए। यह पता चलने पर कई और अहम सुराग हाथ लग सकते हैं।
बेहद करीबी था कोई
अब तक की पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि हत्या करने वाला व्यक्ति अभिषेक का करीबी था। जो आसानी से घर में दाखिल हुआ और घटना के बाद बाहर निकल गया। आरोपियों की संख्या दो से अधिक होनी चाहिए। एक खास बात यह भी है कि घर के आस पास गीली मिट्टी, पानी और कीचड़ था। लेकिन कमरे में किसी के आने जाने का कोई निशान नहीं मिला। यानि बेहद शातिर तरीके से घटना की गई।
नहीं मिले फिंगर प्रिंट
वारदात के बाद मौके पर पहुंचे फॉरेंसिक एक्सपर्ट वीरेन्द्र पटेल ने घटना स्थल पर मौजूद सामान से फिंगर प्रिंट लिफ्ट करने के प्रयास किए थे। लेकिन मोबाइल, लैपटॉप, इंजेक्शन, सीरिंज व अन्य चीजों पर स्पष्ट प्रिंट नहीं मिले। फिंगर प्रिंट सुरक्षित नहीं होने से कुछ तथ्य जुटाना बाकी है।
सतना पुलिस पर नहीं था विश्वास
एक बात यह भी खास है कि अभिषेक के परिजनों ने सतना में पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया? शायद उन्हें यहां के अफसरों पर भरोसा नहीं था। जानकार बताते हैं कि पुलिस पहले से आत्महत्या बताने लगी थी लेकिन मृतक के भाई अम्बिकेश को हत्या की आशंका थी। घंटों जांच के बाद पुलिस भी स्पष्ट नहीं कर पा रही थी कि मामला आत्महत्या का है या फिर हत्या हुई है? पुलिस अपनी एक सोच बनाकर पहले से ही मत देने लगती है। यही वजह है कि मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए रीवा भेजा गया।
कई जगह चुभाई गई सुई
एसपी गौर ने बताया कि स्मूथरिंग यानि श्वांस अवरोध के कारण मृत्यु होने की बात शार्ट पीएम रिपोर्ट में आई है। किसी व्यक्ति ने नाक और मुंह दबाकर हत्या की है। अब क्रेमिकल एनॉलिसिस के बाद मौत से जुड़े सभी तथ्य सामने आएंगे। एक बात यह भी सामने आई है कि अभिषेक के शरीर पर कई जगह सुई चुभाई गई है। हल्की हेड इंजरी भी बताई गई है। बेरहमी से कत्ल करने के बाद इस जघन्य अपराध को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश आरोपियों ने की है।
Published on:
17 Aug 2018 12:02 pm
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