
amritam jalam great mass gathered to save a drop of water
सतना। पानी को अमृत तुल्य मान उसे सहेजने के जतन में हर कोई कुदाल-फावड़ा लिए श्रमदान में जुटा हुआ था। श्रमदान के इस महादान में ना कोई छोटा था ना बड़ा। बड़े नेता से लेकर आमजन तक सिर पर तगाड़ी रखने से पीछे नहीं हट रहा था। यह मौका था, सतना पत्रिका के अमृतम् जलम् अभियान के तहत व्यंकटेश मंदिन में आयोजित तालाब में श्रमदान के आगाज का।
बता दें कि पत्रिका अमृतं जलम् अभियान के तहत शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक आस्था का केंद्र बिंदु बने व्यंकटेश मंदिर तालाब को साफ करने एक सैकड़ा सामाजिक संगठन उमड़ पड़े। देखते ही देखते एक के बाद एक भीड़ बढ़ती गई। सभी एक स्वर में बोलते हुए साथी हाथ बढ़ाना, गीत के साथ तगाड़ी पर कूड़ा उठाते नजर आए।
विभिन्न सामाजिक संगठनों से आए शहरवासियों ने फाबड़ा-कुदाली उठाकर तालाब के अंदर पटे हुए कचरा, मिट्टी, पन्नी, विसर्जित मूर्तियों को तगाड़ी में भरकर तालाब के किनारे एकत्र किया। फिर सभी मलबे को कचरा वाहन में लादकर भेजा गया।
ये है मामला
गौरतलब है कि, व्यंकटेश मंदिर तालाब गंदगी से पटा पड़ा था। भक्तों द्वारा पूजा सामग्री डालने व कचरा फेंकने के कारण तालाब की स्थिति खराब थी। जबकि शहरवासियों के लिए यह तालाब काफी महत्वपूर्ण था। बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचते थे। वहां भगवान के दर्शन करने से पूर्व तालाब के पानी से आचमन करते थे। जल लेते थे और भगवान को चढ़ाते थे। लेकिन, समय के साथ तालाब की स्थिति बदलती चली गई। अभी तक गंदगी से तालाब पटा था।
तालाब की पुरानी रौनक लौटाई जाएगी
रविवार को सतना के रहवासियों ने शपथ लेते हुए कहा कि तालाब की पुरानी रौनक लौटाई जाएगी। लिहाजा, इसे स्वच्छ, सुंदर व साफ बनाने के लिए सभी दृढ़ संकल्पित रहे। पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत तालाब को साफ किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोग शिरकत किए। बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिला सहित सभी वर्ग के लोग इसके भागीदान बनें। सभी धरोहर को संवारने में श्रमदान किया। इस दौरान पत्रिका टीम द्वारा भी श्रमदान किया गया।
सुबह से ही पहुंच गई थी भीड़
सुबह उजाला होने के साथ ही पत्रिका में प्रकाशित खबर पढऩे के बाद महिला-पुरुषों का हुजूम हाथों में कुदाल, फावड़े लिए तालाब की ओर उमडऩे लगा। इस बीच कोई मिटटी खोदने में लगा तो कोई उसे तालाब के किनारे फेंकने में जुटा हुआ था। इस बीच अतिथियों के आ जाने से श्रमदान कर रहे लोगों का हौसला और बढ़ गया। देखते ही देखते तालाब के पास पड़ी मिट्टी लोगों ने कुछ ही पल में हटा दी। श्रमदान के बाद लोगों ने प्रतिदिन तालाब पहुंचकर उसे गहरा करने का संकल्प लिया।
6 बजे से शुरू हुआ श्रमदान
श्रमदान का कार्यक्रम रविवार सुबह 6 बजे से शुरू हो गया। जो सुबह ९ बजे तक जारी रहा। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक तालाब साफ नहीं हो जाता है। इस अभियान का मकसद है कि बरसात पूर्व साफ व गहरा हो जाए, ताकि मानसून में तालाब पानी से लबालब भर जाए। इससे मंदिर की सुंदरता भी बढ़ेगी, पुरानी रौनक लौटेगी और आस-पास के क्षेत्रों में ग्राउंड वाटर का लेवल भी सुधरेगा।
Published on:
13 May 2018 10:14 am
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