बता दें कि, 27 मार्च 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चकरा नाला पटनी में जलसंरक्षण प्रबंधन परियोजना का शुभारंभ किया था। फिर रात्रि विश्राम दीन दयाल शोध संस्थान में करने के बाद 28 मार्च 2003 को कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां व कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां पहुंचे थे। उस दौरान ग्रामीणों को कृषि से जोडऩे के लिए प्रेरित किया था। कहा था कि अगर जंगली क्षेत्रों में बरसात का पानी रोका जाय या जलसरंक्षण के प्रयास किए जाएं तो जंगल में मंगल हो सकता है।
वनवास काल के दौरान 11 वर्ष 11 माह 11 दिन चित्रकूट में प्रवास करने वाले भगवान श्रीराम की कर्म भूमि से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी काफी प्रभावित हुए थे। इसका दूसरा कारण यह भी था कि अटल बिहारी वाजपेयी के अजीज मित्र नानाजी देशमुख भी चित्रकूट को अपनी कर्मस्थली बचा चुके थे। मझगवां कृषि फार्म के निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्रों से मुलाकात करते समय कहा था कि अगर युवा अपनी सहभागिता कृषि के क्षेत्र में निभाए तो देश सम्रद्ध बन सकता है। दीन दयाल शोध संस्थान में रूककर नाना जी के विभिन्न प्रकल्पों के निरीक्षण के बाद बोला था कि खेती को हथियार बनाएं। तभी देश आगे जाएगा।