7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोच गाइडेंस की गलत जानकारी से यात्रियों में मची अफरा-तफरी, बुजुर्ग, बच्चे और महिला दिखे परेशान

रेलवे स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम फेल

2 min read
Google source verification
Coach guidance system fails at Satna railway station

Coach guidance system fails at Satna railway station

सतना/ रेलवे स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम यात्रियों को गलत जानकारी दे रहा है। इससे ट्रेन पहुंचते ही कोच में दाखिल होने के लिए यात्रियों में अफरा-तफरी मच जाती है। ऐसी ही स्थिति सोमवार सुबह रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली। जहां लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई से वाराणसी की ओर जा रही कामायनी एक्सप्रेस 11:56 बजे रेलवे स्टेशन सतना के प्लेटफार्म क्रमांक-दो पर पहुंची।

कोच गाइडेंस सिस्टम में दी जा रही जानकारी के अनुसार यात्री खड़े हुए थे, लेकिन जब ट्रेन पहुंची तो कोच गाइडेंस सिस्टम की जानकारी गलत निकली। इससे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग हाथों में लगेज लिए ट्रेन में सवार होने परेशान हो रहे थे।

सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग, बच्चे और महिला यात्रियों को हो रही थी। कोच गाइडेंस सिस्टम में गड़बड़ी से यात्रियों के परेशान होने का यह पहला मामला नहीं है। स्थानीय रेलवे प्रबंधन के जिम्मेदारों की लापरवाही से आए दिन यात्रियों को ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गलत जानकारी से यात्रियों को ट्रेन में सवार होने लगेज लेकर दौड़ लगानी पड़ रही है। इनमें बड़ी संख्या में महिला, बच्चे भी शामिल होते हैं।

एस-2 की जगह बी-4 कोच
कोच गाइडेंस सिस्टम के अनुसार प्लेटफार्म क्रमांक दो पर जिस स्थान पर एस-2 कोच के आने की जानकारी दी जा रही थी वहां पर बी-4 कोच पहुंचा। एस-2 और बी-4 के इंतजार में खड़े यात्रियों को दौड़ लगानी पड़ी। कमोवेश यही स्थिति अन्य कोच में भी थी।

डीआरएम के निर्देश भी रद्दी की टोकरी में
डीआरएम संजय विश्वास ने रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान कोच गाइडेंस सिस्टम में गड़बड़ी पाई थी। उन्होंने एरिया मैनेजर मृत्युंजय सिंह सहित अन्य जिम्मेदारों से जवाब-तलब किया था। शीघ्र सुधार के निर्देश दिए थे पर जिम्मेदारों ने डीआरएम के निर्देशों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।

कभी भी हो सकता है हादसा
रेलवे स्टेशन पर गाइडेंस सिस्टम में दी जा रही जानकारी के अनुसार यात्री खड़े हो जाते हैं लेकिन जानकारी गलत होने के कारण ट्रेन में सवार होने की हड़बड़ी मच जाती है। स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही से कभी भी स्टेशन पर बड़ा हादसा हो सकता है।