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3 हत्याओं के बाद रिमारी में खामोशी, घटनाक्रम पर बोलने से बचते रहे लोग

दूसरे दिन भी रही दहशत, छावनी में तब्दील रहा गांव

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communal clash: land dispute in rimari satna cause 3 death

communal clash: land dispute in rimari satna cause 3 death

सतना। सभापुर थानांतर्गत रिमारी में तीन लोगों की हत्या का असर मंगलवार को साफ नजर आया। एहतियातन गांव के गली-कूंचों तक में पुलिस तैनात थी, पूरे गांव में चुप्पी छाई रही। ग्रामीणों के चेहरं में अजीब सी दहशत दिख रही थी। किसी भी बाहरी व्यक्ति को देखकर ग्रामीण यही कहते नजर आए कि वह यहां नहीं था। जो बता भी रहे थे, वो भी दबी जुबान कहानी बताते रहे।

कोई भी व्यक्ति तात्कालिक हालात पर कुछ भी नहीं बता सका। वहीं छावनी में तब्दील रिमारी में दोपहर डीआईजी और पुलिस अधीक्षक ने घटना स्थल का जायजा लिया। मातहत अधिकारियों को जांच के तमाम बिंदु गिनाए। मृतक मानेन्द्र का शव अंतिम संस्कार के लिए इलाहाबाद ले जाया गया, अन्य दो मृतक हुसैन मोहम्मद और अजहरु²ीन को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

गांव भी पहुंचा शव
पोस्टमार्टम के बाद मानेन्द्र का शव कुछ देर के लिये रिमारी स्थित घर लाया गया। इसके बाद शव अंतिम संस्कार के लिए इलाहाबाद ले जाया गया है। थाना प्रभारी बरौंधा भी गए हैं। इस दौरान तक मानेंद्र के घर में काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे।

छेडख़ानी भी वजह
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच काफी पहले से विवाद चल रहा था। एक बार मानेंद्र को जेल भी जाना पड़ा। बाद में समझौता हो गया था। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ माह से एहसान के लड़के ने मिश्रा परिवार की बेटियों को परेशान करने लगा था। एक बार तो बिरसिंहपुर में पिता की मौजूदगी में ही छीटाकसी की थी। पुलिस से शिकायत भी की गई थी। तभी से दोनों परिवारों में विवाद गहरा गया था।

भाई नहीं आ सका
बकौल भुवनेश्वर, तीन बेटों में मानेंद्र ही सबसे बड़ा था। दूसरे नंबर का धर्मेंद्रकाम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहता है। इन दिनों वह भी गांव में था। तीसरे नंबर का ज्ञानेंद्र फौज में है। जम्मू पोस्ट में कुपवाड़ा पदस्थ है। ज्ञानेन्द्र घर नहीं पहुंचा। मानेंद्र के चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी अल्का (20), अनामिका (18), बेटा अभिलाष (16) फिर शिवांश (14) है। सभी बच्चे गांव में पढ़ाई करते हैं। अगले महीने अल्का के शादी की तैयारी थी।

तीन आरोपी हिरासत में
पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने बताया, मानेन्द्र पक्ष की ओर से दर्ज रिपोर्ट में चार नामजद सहित सात लोगों को आरोपी बनाया है। दूसरे पक्ष की रिपोर्ट पर छह नामजद आरोपी बनाए गए हैं। दोनों पक्षों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 34 के तहत अपराध कायम किया गया है। तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।

डीआईजी छतरपुर रहे मौजूद
छतरपुर डीआईजी केसी जैन भी रिमारी का मुआयना करने के बाद सतना मुख्यालय में मौजूद रहे। उन्होंने घटनाक्रम के हर पहलू को जानने के बाद पुलिस मुख्याल को रिपोर्ट किया है। सतना से ही सीएम की वीडियो कांफ्रेंस अटेंड करने के बाद डीआईजी जैन छतरपुर रवाना हो गए। इधर रिमारी गांव में रीवा, सीधी जिले के पुलिस अधिकारी भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुला लिया गया था।

तीन को पुलिस ने पकड़ा
सोमवार को घटना के बाद रिमारी गांव में रहने वाले तीन व्यक्तियों को पुलिस पकड़ कर अपने साथ ले गई थी। सूत्रों का कहना है कि मानेन्द्र का शव उठने का विरोध कर रहे विद्यालय के भृत्य अंगद प्रसाद मिश्रा, लोक लोचन मिश्रा और प्रेमलाल मिश्रा को एसपी राजेश हिंगणकर के निर्देश पर पुलिस ने पकड़ा था। इन्हें सभापुर थाना में न रखते हुए दीगर थाना में रखा गया था।

पुलिस की नाकामी से हुई घटना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुधीर सिंह तोमर ने घटनाक्रम को पुलिस की नाकामी बताया है। कहा कि समय पर सूचना मिलने के बााद भी मौके पर पुलिस नहीं पहुंची। अगर समय पर पुलिस पहुंच गई होती तो न अग्नि हादसा होता न ही दो लोगों की मौत होती।

पप्पू मारे डारत है
मां गीता मिश्रा ने बताया कि मानेन्द्र मवेशियों को पानी देने गया था। पिता देवीदाई मंदिर में आयोजित भंडारा में गए थे। घर में सिर्फ महिलाएं थीं, तभी कुम्हार बस्ती की एक महिला दौड़ी आई और कहा कि पप्पू मारे डारत है। सुनकर गीता, मानेन्द्र की पत्नी और दोनों बेटियां अल्का व अनामिका मिल की ओर दौड़ी। वहां पप्पू के घर की तरफ गए, तो मानेन्द्र नजर नहीं आया। संदेह हुआ कि पप्पू ने मानेन्द्र को घर में बंद किया है तो अंदर जाने की कोशिश की गई।

पापा नहीं आए
बकौल अनामिका, पप्पू ने दो टूक कहा कि तोर पापा यहां नहीं आए। पप्पू की पत्नी जरीना बी और बेटे भी वहीं मौजूद थे, जो घर के अंदर नहीं जाने दे रहे थे। संघर्ष करने पर पप्पू के परिवार ने मारपीट शुरू कर दी इसी बीच गीता मौका पाकर अंदर दाखिल हो गई। इसके बाद अनामिका और अल्का अंदर पहुंचे तो तहखाने में रखे गद्दों के बीच मानेन्द्र अचेत पड़ा मिला। देखते ही सबके रोंगटे खड़े हो गए। तभी गांव के दो युवक पहुंचे, तो पप्पू परिवार के साथ वहां से भागने लगा। इधर मनेन्द्र के पिता को मंदिर में ही श्रीनिवास ने बताया कि मानेन्द्र का झगड़ा हुआ है तुम जाकर देखो। यह सुनते ही मंदिर में मौजूद ग्रामीण घटना स्थल की ओर दौड़े।