
Learn tricks for self-defense, compete firmly
सतना. शहर हो या राज्य..., महिलाओं से अपराध की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ रही हैं। रेप का मामला हो या फिर छेड़खानी, या उनके साथ छीनाछपटी का मामला। महिलाओं की सुरक्षा पर देशभर में बहस चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो। पढ़ाई-लिखाई और कामकाज के लिए हर दिन उन्हें घरों से बाहर निकलना पड़ता है। ऐसे में वह हर वक्त अपनी सुरक्षा को लेकर दुविधा में रहती हैं। इसलिए शहर के एक्सपर्ट बताते हैं कि अब लड़कियों को डटकर मुकाबला करने की आदत बना लेनी चाहिए। उन्हें अपने अंदर की झिझक को खत्म करना होगा। बाहर निकलते वक्त सतर्क रहना होगा। साथ ही आत्मरक्षा के गुरु सीखने होंगे। मामले में अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी आपराधिक वारदात के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं। पहला अपराधी, दूसरा शिकार और तीसरा होता है मौका। इनमें से एक भी न हो तो वारदात नहीं होती। इसे रोकने के लिए सबसे आसान और सबसे जरूरी है किसी को मौका देने से बचना। इसलिए अब हर लड़की को कुछ बातें अपने जेहन में रखना होगा। अपनी सेफ्टी के लिए हर वक्त तैयार रहना होगा।
पैदल चलते हुए रहें सचेत
महिला थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर राजश्री रोहित कहती हैं कि लड़कियां और महिलाएं कभी भी अनजान लोगों से लिफ्ट न लें। शाम हो चुकी हो या सड़क सुनसान हो और आप पैदल जा रहे हो तो बेहतर है कि सड़क के विपरीत चलें ताकि ट्रैफि क आपको सामने से आता दिखे। ऐसे में पीछे से हमला नहीं हो सकेगा। कई बार महिलाओं से बाइक सवार बदमाश पर्स या बैग छीन कर भाग जाते हैं। ऐसे में इसे उस तरफ लटकाएं जिधर आपको सेफ लगता हो। अगर कोई कार सवार आपसे रास्ता पूछता है तो उससे दूरी बनाकर रखें। अगर कोई आपका पीछा कर रहा है और आपको लगता है कि वह आप को नुकसान पहुंचा सकता है तो मदद मांगने में संकोच न करें। आज के समय में हर लड़की को आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए। वे कराते, बुशू और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले। इसके कुछ पैतरे एेसे होते हैं, जिन्हें अपना कर वे खुद का बचाव कर सकती हैं। इसके अलावा हमेशा आत्मविश्वास से भरपूर दिखें। ज्यादातर लैंगिक हिंसा उन महिलाओं पर होती है जिनकी बॉडी लैंग्वेज में आत्मविश्वास नहीं झलकता । अपराधी उन्हीं महिलाओं को शिकार बनाते हैं जो आसान टारगेट होती है । ऐसे में जब भी सड़क पर चले तो आत्मविश्वास से भरपूर सिपाही की तरह। चलते समय जमीन पर सिर झुका कर चलने की वजह सतर्क होकर सामने देखते हुए चलें। अगर किसी इलाके के बारे में रास्ते के बारे में नहीं जानती हैं तो अनजान लोगों के सामने यह बात न बोलें।
खुद पर हमले की सूरत में यह करें
निर्भया प्रभारी एसआई सुरभि शर्मा कहती हैं कि किसी भी हमले की सूरत में दिमाग काम करता रहे, यह सबसे ज्यादा जरूरी है। हालात के मुताबिक तुरंत कदम उठाएं। हमेशा इस बात को याद रखें कि हमले की स्थिति में अपराधी से मुकाबला करना बहादुरी दिखाना आपका मकसद नहीं है। बल्कि आपका मकसद अपनी सुरक्षा करना है। पुलिस का नंबर मोबाइल में स्पीड डायल पर रखें। सेफ्टी बॉडी का साथ जरूरी है। सेफ्टी बॉडी से मतलब ऐसे साथी से है जो भले ही आपके साथ न हो लेकिन दूर से भी मददगार हो सकता है। यह आपके माता-पिता, भाई- बहन पति, दोस्त कोई भी हो सकता है। यह आपको उस वक्त कॉल कर सकते हैं जब आप गाड़ी ऑटो में ड्राइवर के साथ अकेली हों। उसे आपके घर लौटने का वक्त पता होना चाहिए ताकि थोड़ी ही देर होने पर आपको कॉल कर सके। इसके अलावा कपड़े और जूते एेसे पहनें जिसमें आपको चलने और दौडऩे में समस्या न आए।
खुद ड्राइव करती हैं तो लॉक करके रखें गाड़ी
एसआई मंजू वर्मा कहती हैं कि जब भी ड्राइव करें, गाड़ी में सेंट्रल लॉक लगाकर ड्राइव करें। एसी है तो सारे सीसे सटाकर रखें। अगर एसी नहीं है तो अपनी खिड़की लॉक करके रखें। बस एक ही शीशा खोलें। गाड़ी में तेज म्यूजिक चला कर उसमें खोए नहीं। गाड़ी ड्राइव करते हुए फ ोन पर बात न करें। इसके अलावा रात के वक्त बेसमेंट में कार पार्क करने से बचें, क्योंकि कई बार एेसे जगहों पर मोबाइल काम नहीं करता। गाड़ी रिवर्स करके खड़ी करें, ताकि जरूरत पडऩे पर तुरंत निकल सकें। गाड़ी में बैठने से पहले देख लें कि कहीं कोई अनजान उसमें छिप कर बैठा तो नहीं है। अगर सड़क पर अचानक से आपकी स्कूटी खराब हो जाए तो सबसे पहले अपने घर वालों को या ऐसे किसी दोस्त या जानकार को कॉल कर अपनी स्थिति के बारे में बताएं। इसके बाद किसी भी तरह से की असुरक्षा का एहसास होता है तो तुरंत १०० नंबर पर डायल कर पुलिस को सूचित करें। आज के दौर में अक्सर महिलाएं लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाती है सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वह जिस आटो या गाड़ी में जाती हैं उसका नंबर, दूसरी जानकारी अपने परिजनों में शेयर करें। खाली बस में सफ र न करें। ऑटो वाले से भी भीड़ वाले रास्तों पर ही चलने को कहें। रास्ता लंबा हो बेशक, लेकिन जाना पहचाना होना चाहिए। अंधेरी वाली जगहों से बचें।
यह भी जरूरी
मार्शल आर्ट ट्रेनर दीपा सोनी कहती हैं कि आज के समय में लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए। इस तरह के प्रशिक्षण से वे हाथ पैर चलाना सीख पाती हैं। कुछ एेसे पैतरे होते हैं कि उनका इस्तेमाल करने से सामने वाले को कुछ देर के लिए रोका जा सकता है। तब तक आपको वहां से भागने या किसी से मदद मांगने में सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा हमलावर की आंखों पर डियारेंट स्प्रे करें। वह कुछ देर के लिए आंखें नहीं खोल पाएगा और आपको अगला कदम उठाने का मौका मिल जाएगा।
Published on:
12 Jan 2020 02:40 pm
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