
Maihar townspeople opposed the exemption in lockdown
सतना/मैहर. आपदा के समय केंद्र सरकार मजदूरों को विभिन्न साधनों से ग्रह ग्राम भेजने का प्रयास कर रही है। फिर भी प्रवासी मजूदर अपने-अपने साधनों से चोरी छिपे आ जा रहे है। ऐसे मजदूरों की न जांच की जा रही है न क्वारंटीन सेंटर भेजा जा रहा है। इनमें अधिकतर मजदूर महाराष्ट्र एवं गुजरात से आ रहे हैं। अभी हाल ही में अमरपाटन में कोरोना पाजिटिव पाए गए दो मरीज गुजरात के सूरत से ही लौटे थे।
ऐसे में सवाल उठता है कि जिस समय सख्ती दिखाना चाहिए। उस समय जिला प्रशासन छूट पर छूट दिए जा रहा है। प्रदेश सरकार भी जिले को ग्रीन से ओंरेंज और रेड जोन बनाने में लगी है। जबकि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस समय जिला पूर्ण रूपेण लॉकडाउन होना चाहिए था।
जो प्रवासी मजदूर बाहर से आ रहे, वो भी हमारे ही भाई-बंधू है। लेकिन प्रशासन स्तर पर उनकी जांच एवं आइसोलेट की व्यवस्था सुनिश्चित करें। वरना कोरोना मरीज तेजी से गांव से शहर में बढ़ेंगे।
नितिन ताम्रकार, मैहर
शासन को बाहर से लुक छिपकर आने वालों पर रोक लगाने की जरूरत है। वरना जिला रेड जोन में जाना तय समझिए।
शुभम कुमार, मैहर
जिले में कोरोना पाजिटिव मरीज मिलने पर कड़ाई की जगह ठील देना समझ से परे है। जिला प्रशासन को तुरंत सख्ती दिखाना चाहिए।
विजय त्रिपाठी, मैहर
जिले में अभी चौथे मरीज मिलने की खबर आई है और प्रशासन ढील पर ढील दे रहा है जो पूर्णत: गलत है। ऐसे समय पर जिला पूर्ण रूपेण लॉकडाउन होना चाहिए।
महेश चौरसिया, मैहर
Published on:
11 May 2020 11:22 pm
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