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भुगतान में मनमानी: किसानों का पैसा दबा गईं समितियां, लगा रहे चक्कर

भुगतान में मनमानी: किसानों का पैसा दबा गईं समितियां, लगा रहे चक्कर

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marketing cooperative society in satna madhya pradesh

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रमाशंकर शर्मा @ सतना। समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाली समितियां किसानों की रकम दबा कर बैठ गई हैं। तमाम असंतोष के बाद भी जिला प्रशासन भुगतान की सही व्यवस्था नहीं बनवा पा रहा है। हालात यह है कि अन्नदाता अपना भुगतान पाने के लिए बैंकों के चक्कर काट रहा है।

इस गंभीर मामले में जिम्मेदार पत्र-पत्र खेल रहे हैं। हालांकि किसानों के आक्रोश को देखते हुए उपायुक्त सहकारिता ने विपणन सहकारी समिति सतना, नागौद, अमरपाटन, मैहर के अध्यक्ष और प्रबंधकों को पत्र लिख शीघ्र भुगतान करने को कहा है।

सरसों की स्थिति ठीक
सरसों की खरीदी के मामले में स्थिति अपेक्षाकृत ठीक है। नागौद मंडी को अभी एक भी राशि नहीं दी गई है पर समिति ने इसमें 0.84 लाख रुपए का भुगतान किसान को कर दिया है। मैहर को 56 हजार रुपए दिए गए हैं, लेकिन उसने किसानों को 1.88 लाख का भुगतान कर दिया है। अमरपाटन को 88 हजार दिए हैं जिसमें से 24 हजार किसानों को भेजा गया है। रामनगर को 16 हजार दिया गया है जिसमें किसानों को 60 हजार रुपए समिति ने भुगतान किया है।

चना भुगतान में भी मनमानी
चना फसल के भुगतान की स्थिति पर गौर करें तो विपणन सह. समिति नागौद के उपार्जन केंद्र को 184.36 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। लेकिन, इसने किसानों को 84.59 लाख ही भुगतान किए हैं। एक करोड़ के लगभग राशि दबा कर समिति बैठी है। विपणन सह. समिति मैहर को 142.12 लाख का भुगतान किया गया है। किसान को समिति ने सिर्फ 49 लाख रुपए ही बांटे हैं। विपणन सह. समिति अमरपाटन के खरीदी केंद्र अमरपाटन को 196 लाख दिए गए हैं, जिसने किसानों के खाते में 116 लाख रुपए डाले हैं। रामनगर खरीदी केंद्र को 99 लाख दिया गया है, लेकिन इसने भी 37 लाख ही किसानों के खाते में डाले हैं।

एक करोड़ लिया, बांटा कुछ नहीं
सबसे खराब स्थिति विपणन सहकारी समिति सतना की है। चना फसल के लिए इसे 117.04 लाख रुपए का भुगतान उपार्जन केंद्र को किया जा चुका है। लेकिन, समिति द्वारा अभी तक किसानों के खाते में एक भी राशि नहीं डाली गई है। सरसों के लिए 1.70 लाख समिति को दिया गया है पर भुगतान शून्य है। मसूर के लिए भी 4.36 लाख दिए गए हैं।

मसूर में भी किसान मायूस
मसूर बिक्री और भुगतान की स्थिति देखें तो विपणन सह. समिति नागौद को 39.53 लाख का भुगतान किया गया है, जिसमें से किसान को 9 लाख ही दिए गए हैं। मैहर को 8.20 लाख दिए गए हैं जिसमें से 10.46 लाख किसानों को दिया गया है। अमरपाटन ने 27 लाख में से 17 लाख तथा रामनगर ने 11 लाख में से 8 लाख किसानों के खाते में भुगतान किया है।