
Mobile TV became the medium of study and play for children
सतना. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मासूमों के खेलकूद पर भी ब्रेक लग गया है। बच्चे अपने अभिभावकों के साथ घर के अंदर ही रह रहे हैं। लॉक डाउन के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके खेल, खुद का भी सहारा एकमात्र मोबाइल फ ोन बना हुआ है । अधिक देर तक मोबाइल पर वक्त बिताने के कारण बच्चों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । इसमें किसी बच्चे को आंखों में खुजलाहट और जलन हो रही है, तो कोई सिर दर्द की समस्या पैरेंट्स को बता रहा है। ऐसे में कई पैरेंट्स डॉक्टर से संपर्क कर रहे हैं और व्हाट्सएप पर ही दवाई लिखवा रहे हैं ।
रोजाना 4 से 5 घंटे टीवी व मोबाइल पर दे रहे बच्चे
सभी स्कूलों ने लॉक डाउन के बाद बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन शुरू कर दी है । इसके चलते बच्चे पढ़ाई पूरी करने के लिए घर में ज्यादातर समय मोबाइल पर टकटकी लगाए रहते हैं । यही नहीं पढ़ाई पूरा करने के बाद खेलने के लिए भी बच्चों को लॉक डाउन में मजबूरन मोबाइल का ही सहारा लेना पड़ रहा है । जिसके चलते दिनभर में ४ से ५ घंटे का समय बच्चों को मोबाइल फ ोन पर ही बीत रहा है ।
पैरेंट्स फ ोन पर डॉक्टरों से ले रहे हैं एडवाइस
बच्चों का देर तक मोबाइल व टीवी पर समय बिताने के कारण उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है, जिसकी वजह से बच्चों को सिर दर्द, आंखों में जल, पानी आना व खुजलाहट की दिक्कतें हो रही है । बच्चों की इन समस्याओं से पैरेंट्स भी परेशान है कि वह करें तो क्या करें, क्योंकि उनको भी बाहर भेज नहीं सकते और घर में बच्चे फ ोन पर ही लगे रहते हैं।
इस तरह कर सकते हैं बचाओ
सबसे पहले तो स्कूल के शिक्षक और प्रबंधक को ध्यान रखना चाहिए कि वह ऑनलाइन पढ़ाई कम से कम समय कराएं । व्हाट्सएप पर कोई वर्क दे रहे हैं तो पैरेंट्स उसका प्रिंट निकाल कर बच्चों को दें, ताकि बच्चे की आंखों पर जोर न पड़े। इसके अलावा पढ़ाई को जितना आसान हो सके बनाएं, ताकि बच्चे पर प्रेशर न हो। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि बच्चों को घर में खेलने के लिए मोबाइल की वजह इंडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें ।
यह कहते हैं डॉक्टर
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्दकी बताते हैं कि हर रोज ऐसे चार से पांच पैरेंट्स उन्हें फ ोन करके इस तरह की समस्याएं बता रहे हैं, जिन्हें चिकित्सीय सलाह दे रहा हूं । पैरेंट्स को जहां तक हो मोबाइल से दूर रहने की सलाह दे रहा हूं । अगर मोबाइल पर पढऩा जरूरी है, तो उसके फ ॉन्ट बड़े घर ले और यह ध्यान रहे कि बच्चे अपनी आंखें ब्लिंक करें । टकटकी लगाकर लगातार न देखें । हर 20 मिनट या आधे घंटे पर बच्चों को ब्रेक जरूर दें।
Published on:
25 Apr 2020 03:37 pm
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