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MP election 2018: इन विधानसभा सीटों पर पार्टी का हो सकता है सूपड़ा साफ, डेंजर जोन मानी जाती है ये सीटें

इन विधानसभा सीटों पर पार्टी का हो सकता है सूपड़ा साफ, डेंजर जोन मानी जाती है ये सीटें

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mp election 2018 bjp candidate list and ticket distribution

mp election 2018 bjp candidate list and ticket distribution

रमाशंकर शर्मा@सतना। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को 177 सीटें घोषित कर दी हैं। जिसमे सतना जिले से 6 विधानसभा के नामों की घोषणा हुई है। अमरपाटन विधानसभा की टिकट की घोषणा अभी फिलहाल रोकी गई है। भाजपा की जारी सूची के अनुसार सतना विधानसभा से विधायक शंकरलाल तिवारी को एक बार फिर मौका देते हुए चुनाव मैदान में भेजा गया है। रैगांव विधानसभा से पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी को मौका दिया गया है। यहां पर उनके बेटे और बहू टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक रहे।

नागौद विधानसभा से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को टिकट देकर बड़ा उलटफेर किया है। यहां से गगनेंद्र सिंह लगातार पांच साल से सक्रिय रहे हैं और टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक थे। मैहर से नारायण त्रिपाठी पर दोबारा विश्वास जताया गया है। रामपुर बाघेलान से मंत्री हर्ष सिंह के बेटे विक्रम सिंह पर भरोसा जताया है। चित्रकूट विधानसभा से सुरेंद्र सिंह गहरवार को लाकर पार्टी ने दाव लगाया है। हालांकि यहां से युवा तुर्क दावेदारों में रहे हैं लेकिन पार्टी ने इनकी भूमिकाओं को नजर अंदाज कर दिया है।

सतना विस क्षेत्र का मिजाज
सतना विधानसभा से टिकट के मामले में शंकरलाल को सामने लाकर पार्टी ने एक और जहां व्यापारी वर्ग से विरोध ले लिया है। व्यापारी वर्ग से आने वाली योगेश ताम्रकार संघ के समर्थन से अपना दावा ठोक रहे थे। यह एक बड़ी वजह मानी जाएगी। व्यापारियों की ओर से नाराजगी के लिए वहीं सामने बसपा से कद्दावर नेता पुष्कर सिंह उनके लिए बड़ी समस्या साबित हो सकते हैं। इस लिहाज से माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने मनीष तिवारी को टिकट दे दी। तो यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय एवं काफी कड़ा हो जाएगा। हालांकि विधायक के वर्तमान कार्यकाल के आधार पर उनके विरोध में इनकंबेंसी की स्थितियां बहुत ज्यादा है। इसके अलावा भीतर घात उनके लिए बड़ी समस्या बन कर सामने आएगा।

चित्रकूट विस क्षेत्र का मिजाज
चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार पर दांव लगाकर भाजपा ने एक बड़ा निर्णय लिया है हालांकि यहां से अन्य दावेदारों में सुभाष शर्मा डोली भी रहे हैं जो कभी कांग्रेस से लोकसभा के उम्मीदवार के रूप में देखे जाते थे। युवा होने के साथ उनके नाम की चर्चा काफी चल रही थी। ऐसे में उनका असंतोष सतह पर नजर आ रहा है। अब तक कांग्रेस की सीट मानी जाने वाली चित्रकूट विधानसभा में सुरेंद्र सिंह के लिए अंतर कलह-अंतर्विरोध तो असरकारी रहेगा साथ ही कांग्रेस की सीट होने का नुकसान और फायदा उनके खाते में जाएगा।

रामपुर बाघेलान विस क्षेत्र का मिजाज
रामपुर बाघेलान से मंत्री हर्ष सिंह के बेटे विक्रम सिंह पर पार्टी ने भरोसा तो जता दिया है लेकिन जिस तरीके से सांसद परिवार की ओर से दावेदारी की बातें सामने आई हैं। उससे यहां अंतर कलह की स्थितियां सतह पर तो दिखाई देंगे। वहीं एक बड़े वर्ग का बसपा की ओर जाना भी भाजपा के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है। हालांकि अब यहां पर सांसद की ओर से एक बड़ी भूमिका की उम्मीद पार्टी कर रही हैं लेकिन एक कितना सफल होता है वक्त ही बताएगा

मैहर विस क्षेत्र का मिजाज
नारायण त्रिपाठी को मैहर से टिकट देकर भाजपा ओपिनियन पोल के बिल्कुल बराबर से निकली है। मैहर के इकलौते और सबसे कद्दावर नेता भाजपा की ओर से नारायण त्रिपाठी थे और अब तक के सबसे ज्यादा सशक्त दावेदारों में भाजपा से वहीं मानें जा रहे हैं।

नागौद विस क्षेत्र का मिजाज
पार्टी की टिकट घोषणा के साथ ही भाजपा के खेमे में हड़कंप मच गया है। कई दावेदारों के चेहरे निराश हो गए हैं वहीं कई विरोध के स्वर खुलने लगे। सर्वाधिक विरोध नागौद विस क्षेत्र से सुनने को मिल रहे हैं। जिस तरीके के संकेत मिल रहे हैं। उससे माना जा रहा है कि नागेन्द्र सिंह के लिए चुनाव में बड़ी अंदरूनी भितरघात होगी।

रैगांव विस क्षेत्र का मिजाज
रैगांव विधानसभा की बात करें तो जुगल किशोर बागरी को मौका देकर पार्टी ने भीतर घात और विरोध की संभावनाओं को काफी कुछ कम कर दिया है। लेकिन महत्वपूर्ण बात यहां से यह होगी कि अगर कांग्रेस ने टिकट चयन में थोड़ी सी समझदारी दिखाई तो बागरी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकते हैं।