
NCERT: Syllabus will be half next year
सतना. मानव संसाधन विकास मंत्रालय सिलेबस को आधा करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए पैरेंट्स और टीचर से 37 हजार सुझाव प्राप्त हुए हैं। इस साल सिलेबस तैयार होते ही उसे अगले सत्र में जारी कर दिया जाएगा। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावेडकर के मुताबिक एनसीइआरटी का वर्तमान सिलेबस काफ ी घिसा-पिटा है। इसमें कई चीजें रिपीट की गई हैं और कुछ आउटडेटेड भी हैं। सिलेबस में कुछ चैप्टर को कम कर स्टूडेंट का बोझ कम किया जाएगा। साथ ही उन चीजों को शामिल किया जाएगा जो स्टूडेंट्स के लिए पढऩा जरूरी है।
स्पोट्र्स, एनॉलिटिकल बैंकिंग और मोरल एजुकेशन पर फोकस
स्पोट्र्स, एनॉलिटिकल, बैंकिंग और मोरल एजुकेशन पर भी फ ोकस किया जाएगा। एकेडमिक सत्र 2019 से लागू होने जा रहे इस सिस्टम में रिपीटेड कंटेंट हटाए जाएंगे। यानी एक क्लास पास करने के बाद स्टूडेंट्स जो पहले से पढ़ चुके हैं अब वह किताबों में नहीं दिया जाएगा। टीचर्स नए सेशन में टॉपिक पढ़ाने से पहले ओल्ड टॉपिक्स खुद ही रिवाइज करवाएंगे, जिससे स्टूडेंट्स का रिवीजन हो जाए। इससे चैप्टर की लेंथ छोटी होगी और सिलेबस भी कम होगा।
यह हंै बदलाव के कुछ कारण
सिलेबस को कम करने के पीछे का कारण स्टूडेंट्स को सिर्फ पढ़ाई तक सीमित रखना नहीं है। सिलेबस में मोरल एजुकेशन, फि जिकल एजुकेशन और स्किल्स को भी जगह दी जाएगी। इस बदलाव का अन्य कारण है कि स्टूडेंट्स को रटन ज्ञान से आजाद कराकर प्रैक्टिकल और एनॉलिटिकल लर्निंंग पर फ ोकस करना होगा। एचआरडी मिनिस्ट्री सिलेबस में सिर्फ वही शामिल करना चाहती है जो स्टूडेंट्स के लिए आगे जाकर भी उपयोगी हो। इससे उनके कंधे से एक्स्ट्रा बहुत भी हटेगा।
होगा यह फ ायदेमंद
सिलेबस कम होने से स्टूडेंट्स पर वर्डन कम होगा। रटकर पढऩे की पद्धति खत्म होगी और प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर दिया जाएगा। स्पोट्र्स, मोरल वैल्यूज और लाइफ स्किल्स पर ध्यान दिया जाएगा।
Published on:
28 Sept 2018 09:42 pm
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