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वन स्टॉप सेंटर सतना को मिला MP का पहला ISO सर्टिफिकेट, इस तरह पीड़ित बालिकाओं को दी जाती है सहायता

महिला एवं बाल विकास विभाग की उपलब्धि

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One stop center Satna gets first ISO certificate in madhya pradesh

One stop center Satna gets first ISO certificate in madhya pradesh

सतना/ महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित वन स्टॉप सेंटर (सखी) को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। सेंटर को हिंसा पीडि़त महिलाओं-बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थाई आश्रय, पुलिस डेस्क, विधि सहायता, 24 घंटे चिकित्सा एवं कॉउंसलिंग की सुविधा प्रदान करने पर प्रदेश का पहला आईएसओ प्रमाण पत्र दिया गया है। केंद्र का संचालन शाउमा विद्यालय धवारी के पास किया जा रहा। वहां पर हिंसा से पीडि़त महिलाओं (जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाएं भी सम्मिलित हैं) को सहायता प्रदान की जा रही है।

18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सहायता हेतु लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 के अंतर्गत गठित संस्थाओं को सेंटर से जोड़ा जा रहा है। इन सभी गतिविधियों के बेहतर संचालन, प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने पर वन स्टॉप सेंटर सतना को आईएसओ 9001-2015 का प्रमाण पत्र दिया गया है। प्रदेश का यह पहला वन स्टॉप सेंटर है जिसे आईएसओ प्रमाण पत्र दिया गया है।

68 चेक प्वॉइंट पर खरा उतरा
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर (सखी) को 68 चेक प्वॉइंट पर परखा गया। इसमें गेट से लेकर किचन, स्टोर, वेटिंग हॉल, शौचालय, रिकार्ड रूम तक के प्वॉइंट शामिल थे। इसके अलावा पुलिस डेस्क, विधि सहायता, 24 घंटे चिकित्सा एवं कॉउंसलिंग भी शामिल थी। सभी प्वॉइंट पर वन स्टॉप सेंटर खरा उतरा।

नारी निकेतन को दिया सेंटर का रूप
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नारी निकेतन का संचालन किया जा रहा था। जिसे में बंद कर वन स्टॉप सेंटर का रूप दे दिया गया। फरवरी 2017 से वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है।

सभी जिलों से आगे
प्रदेश के सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास महकमा वन स्टॉप सेंटर सतना को आईएसओ प्रमाण पत्र मिलने को बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रहा है। विभागीय वेबसाइट पर भी वन स्टॉप सेंटर को मिले प्रमाण पत्र को अपलोड किया गया है।