
Patwari Transfer Policy in satna
सतना. तबादलों के सीजन के बीच राज्य शासन ने पटवारियों को खुश करने संविलियन नीति जारी कर दी है। इसके आधार पर अब पटवारियों के तबादले एक जिले से दूसरे जिले में भी हो सकेंगे। चूंकि पटवारी जिला स्तरीय संवर्ग है, लिहाजा उनके तबादले एक जिले से दूसरे जिले में नहीं हो सकते थे। इसको लेकर अब सरकार ने अंतरजिला संविलियन नीति तैयार की है, लेकिन इसकी जो शर्तें रखी गई हैं उसके अनुसार जिले के २४० पटवारियों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।
संविलियन नीति 2021
दरअसल, अपनी मांगों को लेकर जब पटवारी आंदोलित हैं ऐसे में राजस्व विभाग मंत्रालय ने पटवारियों की संविलियन नीति 2021 जारी कर दी है। इसमें कहा गया कि पटवारी जिला स्तरीय संवर्ग है, अत: एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर नहीं हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें एक जिले से दूसरे जिले में भेजने के लिए पुरानी संविलियन नीति 22 जून 2020 निरस्त करते हुए नवीन संविलियन नीति 2021 निर्धारित की गई है। इसमें अपरिहार्य परिस्थितियों में स्थानान्तरण किए जा सकेंगे।
मार्च 2018 के पहले वालों को मिलेगा लाभ
नीति में कहा गया कि पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 का रिजल्ट 26 मार्च 2018 को आया था। इसके पहले जिन पटवारियों की नियुक्ति हुई है उन्हीं को दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिनको 26 मार्च 2018 के बाद नियुक्ति मिली है उन्हें तबादला/ संविलियन का लाभ नहीं मिलेगा। जिन पटवारियों पर लोकायुक्त या आपराधिक प्रकरण प्रचलित हैं उन्हें लाभ नहीं मिलेगा।
ये नहीं जा सकेंगे जिले से बाहर
जिले में मार्च 2018 के बाद नियुक्ति पाने वाले पटवारियों की संख्या 240 के लगभग है। इन्हें अंतरजिला संविलियन का लाभ नहीं मिलेगा। कारणों में बताया गया है कि जब इनकी भर्ती की गई थी तो इन्हें वरीयता के आधार पर जिले आवंटित किए गए थे। ऐसे में इन्हें दोबारा पसंद के जिले में भेजा जाता है तो दूसरे कर्मचारी प्रभावित होंगे जो न्यायपूर्ण नहीं होगा। लिहाजा विभाग ने तय किया है कि वर्षों से दूसरे जिले में पदस्थ पटवारियों को यह मौका दिया जाए। हालांकि इसमें छूट भी दी गई है। इसके तहत अगर पटवारी की पत्नी या पति यदि शासकीय कर्मचारी है तो उनको एक ही जिले में पदस्थापना के मामले में या फिर विवाहित महिला अथवा तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता महिला पटवारी या फिर गंभीर बीमारियों से ग्रसित पटवारी अथवा पटवारी के परिवार में कोविड से माता, पिता, पति या पत्नी की मौत होने पर अंतरजिला संविलियन में मार्च 2018 के पूर्व वाली शर्त में शिथिलता प्रदान की गई है।
Published on:
20 Jul 2021 01:42 am
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