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पीएम आवास फर्जीवाड़ा: रहिकवारा में चोरी आवासों की संख्या पहुंची 75, एक करोड़ से ज्यादा का गबन

प्रधानमंत्री आवास घोटाला, 10 टीम कर रही जांच, 653 आवास में से 550 का परीक्षण पूरा

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PM Awas fraud in Satna

PM Awas fraud in Satna

सतना। नागौद जनपद की ग्राम पंचायत रहिकवारा में पीएम आवास फर्जीवाड़े की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आवास घोटाले की जांच कर रहे 10 दलों ने अब तक यहां फर्जीवाड़े के 75 मामले चिह्नित किए हैं। इन मामलों में पीएम आवास के लिए पूरी राशि जारी हो गई, लेकिन हितग्राहियों को नहीं मिली है। हालांकि जांच के बिन्दु और मिल रही कमियों को लेकर जिला से ग्राम पंचायत स्तर पर चुप्पी साध रखी गई है। आवास घोटाले मामले में विभागीय जानकारों का कहना है कि अभी इसमें छोटे लोगों पर ही कार्रवाई की गई है। इस घोटाले में अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त बड़े चेहरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जितने मामले सामने आए हैं उसे देखते हुए अभी तक गबन का आंकड़ा एक करोड़ रुपए से ऊपर तक पहुंचने की बात कही जा रही है।

550 आवासों की जांच पूरी
जिला स्तरीय पीएम आवास प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार, रहिकवारा में 20 वार्डों में दस दलों द्वारा एक-एक आवास की जांच की जा रही है। इस दौरान जितने हितग्राहियों के नाम पर राशि जारी हो चुकी है, लेकिन उन्हें राशि नहीं मिली बल्कि उनके स्थान पर किसी और के खाते में राशि पहुंच गई है उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही इनसे शपथ पत्र भी लिए जा रहे हैं। 1 नवंबर तक ऐसे हितग्राहियों की संख्या 75 सामने आई है। यहां कुल 653 आवासों की जांच की जानी है। अब तक साढ़े 5 सौ से ज्यादा आवासों का परीक्षण किया जा चुका है।

IMAGE CREDIT: patrika

पीएम आवास के लिए इन पर भी जिम्मेदारी
पीएम आवास योजना की निगरानी के लिए हर जनपद में पीएम आवास का पृथक से ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर रखा गया है। इसकी जिम्मेदारी है कि हितग्राहियों द्वारा दी गई जानकारी और उनके खाते नंबर सहित आधार कार्ड का मिलान करे। वहीं पीएफएमएस में गलत खाता सामने आने पर रिजेक्ट प्रकरणों की जांच करे, लेकिन रहिकवारा के मामले में बीसी ने ऐसा नहीं किया। इस कारण से हितग्राहियों की स्थान पर अन्य लोगों के खाते में राशि जाती रही। इस आधार पर यहां के बीसी पुष्पेन्द्र बहादुर सिंह भी फर्जीवाड़े के जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्हें ही इस जांच में शामिल किया गया है। कुछ पुराने मामले होने से तत्कालीन बीसी केके सिंह भी इस मामले में लपेटे में आ सकते हैं। इसी तरह से जनपद सीईओ की भूमिका भी पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं मानी जा सकती है।

टर्मिनेट किए जा चुके हैं बीसी
जानकारी के अनुसार रहिकवारा जैसे पीएम आवास घोटाले वाली जनपद के बीसी पुष्पेन्द्र बहादुर सिंह पूर्व में सोहावल जनपद पंचायत में अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी पासवर्ड हैक करने और छेड़छाड़ के आरोप में टर्मिनेट किए जा चुके हैं। ऐसे में नागौद में इनकी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा रहा है।