
Satna electricity department: Single light connection bill 1.08 lakhs
सतना/ बिजली कंपनी ने गरीब उपभोक्ता को एकल बत्ती कनेक्शन का एक लाख रुपए का बिल जारी किया है। अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के झोंपा गांव निवासी रामसुजान सेन 1.08 लाख रुपए का बिल देखते ही गश खाकर गिर पड़े। एक अन्य उपभोक्ता रामधनी बैस को 95 हजार रुपए का बिल थमाया गया है। बिजली कंपनी की इस मनमानी को आड़े हाथ लेते हुए सांसद ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।
ये है मामला
बताया गया, रामसुजान सेन के घर में एकल बत्ती कनेक्शन है। उसका पिछला बकाया अधिभार सहित 678 रुपए है। इस बार का बिजली बिल 1,08,249 रुपए दिया गया है। कुल मिला कर उसे इस बार 1,08,927 रुपए जमा करने होंगे। अपने पुराने बिलों को दिखाते हुए रामसुजान ने बताया कि फरवरी, मार्च व अप्रैल में उसका बिल 80-80 रुपए आया था।
सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की बात
मई में 82 रुपए, जून और जुलाई में 100-100 रुपए का बिल आया। अगस्त में एक लाख से ज्यादा बिल आ गया। अब वह बिजली कंपनी के चक्कर लगा रहा है पर निराकरण के लिए इधर-उधर लटकाया जा रहा है। बकौल रामसुजान, जब भी बिजली कंपनी में सुधार के लिए जाते हैं तो सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की बात कहते हुए दिखवाने की बात की जाती है।
इधर, बिजली बिल देख उपभोक्ता को आया चक्कर
बढ़े बिलों की समस्या अकेले ग्रामीण क्षेत्र में नहीं है। शहर में भी यही हालात हैं। लोगों के पास मनमाने बिल पहुंच रहे हैं। ऐसा ही मामला सतना शहर के धवारी में देखने में आया। यहां उपभोक्ता को एक लाख का बिल मिला तो वह चक्कर खाकर गिर पड़ा। धवारी में शरदचंद्र अग्रवाल का जनरल स्टोर पूनम भवन के सामने है। गत 25 साल से यहां का बिल एक हजार से अधिक कभी नहीं आया।
यह देख उपभोक्ता की तबीयत खराब हो गई
पिछले माह 719 रुपए बिजली का बिल आया था, इस माह मात्र 1 यूनिट का बिजली बिल 99,943 रुपए आ गया। यह देख उपभोक्ता की तबीयत खराब हो गई। शरद ने बताया कि सितम्बर 19 में खपत 81 यूनिट थी और अक्टूबर 19 में बढ़ कर 10941 यूनिट हो गई। पिछले माहों में क्रमश: 46, 76, 51, 219, 81, 81 यूनिट की बिजली खपत बिजली बिल में दर्शाई गई है।
सीएम को भेज रहे बिल की कॉपी
सांसद गणेश सिंह ने बताया, यह मामला उनके सामने गांधी यात्रा के दौरान सामने आया है। जिस भी गांव में वे जा रहे, इस तरह के बिल की समस्या सामने आ रही है। ग्रामीण इसको लेकर परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के तमाम बिल इकट्ठा कर वे मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
Published on:
16 Oct 2019 01:48 pm
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