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सतना। रेलवे लाइन भू-अर्जन के मामले में जिले के अधिकारियों की अनदेखी के कारण फरवरी 2020 तक सतना से नागौद के बीच रेल चलाने के लक्ष्य पर पानी फिरता नजर आ रहा। सतना-रीवा रेल दोहरीकरण के लिए भू-अर्जन की धारा प्रकाशन के बाद भी जमीन की खरीद-बिक्री का मामला सुलझा नहीं कि सतना-पन्ना रेल लाइन निर्माण में सही मुआवजा निर्धारण न होने पर स्थानीयजनों ने रेलवे लाइन निर्माण का काम रोक रखा है। कई महीने से यह मामला निपटाया नहीं जा सका है। इससे निर्माण का कार्य विलंबित हो रहा है।
सतना-नागौद के बीच रेल चलाने के लक्ष्य में विलंब को लेकर जिला प्रशासन को तत्काल प्रकरण निराकरण कराने को कहा है। ललितपुर-सतना-पन्ना नई बड़ी रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रारंभ है। लाइन में रेलवे बोर्ड ने सतना से नागौद तक रेल गाड़ी चलाने लक्ष्य फरवरी 2020 तक का दिया है। लेकिन, रेलवे को रेल लाइन का काम करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा। स्थिति यह है कि भू-अर्जन सही तरीके से नहीं होने से स्थानीयजनों द्वारा रेलवे लाइन के काम में रोक लगाई जा रही। मामले की जानकारी रेलवे द्वारा संबंधित अधिकारियों को दी गई पर इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
जिला प्रशासन को दी सूचना
रेलवे निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर को इस संबंध में सूचित किया है। बताया है कि सतना-पन्ना रेल लाइन के बीच सिंहपुर रोड पर पुल का निर्माण कार्य किया जाना है। यह निर्माण कार्य नागौद तहसील के ग्राम सड़वा और नागौद के अंतर्गत आता है। यहां पुल निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई है वे यह कह कर काम रुकवा रहे कि उन्हें मुआवजा सही गाइड लाइन के आधार पर नहीं मिला है।
इन्होंने रोका काम
प्रभा गुप्ता , रामरती, बूटीबाई, अमितेष, बांके बिहारीलाल पाण्डेय और मुलिया ने काम रुकवा दिया है। सही मुआवजा न मिलने के आरोप के साथ काम रोके जाने की सूचना रेलवे के निर्माण विभाग ने एसडीएम नागौद को कई बार दी है। रेलवे का कहना है कि उनकी उदासीनता के कारण कई माह से इस प्रकरण का निराकरण नहीं हो पा रहा। इस मामले में मुआवजा विवाद तत्काल निपटाने कहा गया है ताकि फरवरी 2020 तक रेलवे लाइन का काम पूरा किया जा सके।
Published on:
19 Jun 2019 03:41 pm
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