सीधी। जिले में इस भीषण गर्मी में पेयजल संकट को दूर करने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है। जनता पेयजल के लिये कई क्षेत्रों में भटक रही है और जिम्मेदार पूरी तरह से मूकदर्शक बने हुये हैं। पूर्व मंत्री सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल ने रविवार को स्थानीय उच्च विश्राम गृह में मीडिया से चर्चा के दौरान पेयजल संकट से जूझ रही जनता के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। पटेल ने कहा कि जिले के पेयजल संकट के संबंध में उनके द्वारा कलेक्टर, जिले और संभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ ही प्रदेश स्तर पर भी चर्चा की गई। वहीं बिगड़े हैंडपम्पों का मेंटीनेंस न होने पर जब ठेकेदारों और इंजीनियरों से चर्चा की जाती है तो उनके द्वारा कहा जाता है कि जिला इकाईयों द्वारा सामान नहीं दिया जाता। पहले मेंटीनेंस को लेकर सिविल को जो जिम्मा मिला था उसे मैकेनिकल इंजीनियर को दे दिया गया है। इस वजह से समूची व्यवस्थाएं पटरी से उतरी हुई हैं। सीधी जिले के पेयजल संकट का निदान कराने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है। पटेल ने कहा कि सीधी जिले में दो-चार जगहों को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी नलजल योजना चालू नहीं है। जल जीवन मिशन के साथ नलजल योजनाओं का कार्य भी अदूरदर्शितापूर्ण कराया जा रहा है।
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