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कलेक्ट्रेट के लोकसेवा केंद्र को चोरों ने किया साफ, कंप्यूटर, सीपीयू, कैमरा उड़ाए

कलेक्ट्रेट के लोकसेवा केंद्र को चोरों ने किया साफ, कंप्यूटर, सीपीयू, कैमरा उड़ाए

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Incident of robbery incarceration in CCTV

Incident of robbery incarceration in CCTV

सतना। मप्र के सतना जिले का प्रशासनिक मुख्यालय कलेक्ट्रेट चोरों के निशाने पर है। सिटी कोतवाली से महज तीन दो मिनट की दूरी पर मौजूद कलेक्ट्रेट परिसर में लगातार चोरियों के मामले सामने आ रहे हैं।

मंगलवार-बुधवार की दरम्यिानी रात अज्ञात चोरों ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोक सेवा केंद्र के ताले चटकाकर कार्यालय में रखा पूरा सामान पार कर दिया। मेन गेट का ताला किसी धारदार हथियार से काटने के बाद चोरों ने कमरे का ताला तोड़कर यहां रखे दो कम्प्यूटर, दो सीपीयू, वेब कैमरा, डीवीआर सहित कार्यालय का पूरा सामान उड़ा दिया।

चोरी की जानकारी बुधवार सुबह लगी, जब स्टॉप वेंडर अपनी दुकान खोलने आये। मामले की सूचना लोक सेवा केंद्र के अधिकारी को दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने देखा कि चोरों ने पूरा कार्यालय ही साफ कर दिया है।

इसी कारण बुधवार को लोकसेवा केंद्र का काम दिनभर ठप रहा। हाल ही में कलेक्ट्रेट के दो एसी के आउटडोर युनिट चोरी हो चुके हैं। सोमवार को भी एक आउटडोर चुराने की कोशिश अज्ञात चोरों ने की थी।

सुरक्षा इंतजामों पर सवाल

कलेक्ट्रेट परिसर में चोरियों के मामले सामने आने के बाद यहां के कार्यालयों के सुरक्षा इंतजामों पर सवालिया निशान लग गया है। कलेक्ट्रेट में पहरा के लिए गार्ड तैनात रहती है और सिटी कोतवाली थाना भी पास में है, बावजूद इसके चोरी व चोरी के प्रयास के मामले हो रहे हैं।

लोक सेवा केंद्र में हुई चोरी के मामले में पुलिस यहां के कर्मचारी राजेश निषाद की रिपोर्ट पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध क्र. 276/20 में आइपीसी 457, 380 व अन्य धाराओं पर मामला कायम कर जांच में जुट गई है।

... तो डीवीआर के लिए हुई चोरी!

लोक सेवा केंद्र में हुई चोरी के बाद बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ऐसी चर्चा रही कि चोरों के निशाने पर कार्यालय का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) था। अज्ञात चोर डीवीआर पार करने आए थे और कम्प्यूटर व बाकी सामान ले जाकर इसे दफ्तर में हुई चोरी की शक्ल देना चाहते हैं।

महंगे सामान के साथ चोरी गए डीवीआर में ऐसा क्या रिकॉर्ड था कि उसे चुराने के लिए शातिर अंदाज में चोरी को अंजाम दिया गया। ऐसी चर्चा रही कि चोरी कार्यालय के किसी मामले से भी जुड़ी हो सकती है। मामले की हकीकत पुलिस जांच के बाद ही सामने आयेगी।