
सतना. रामपुर बाघेलान के नरसिंहपुर गांव की आदिवासी बस्ती में उल्टी-दस्त बेकाबू हो गया है। दो लोगों की मौत के बाद सोमवार को 50 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पहला मामला 11 दिन पहले सामने आया था। इसके बाद दिनोंदिन पीड़ितों की संख्या में इजाफा होने लगा।
अब हालात यह हैं कि गांव के हर घर में लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित बताए जा रहे हैं। उधर, स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं भी दम तोड़ रही हैं। लोगों को अस्पताल जाने वाहन तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे। दोपहिया वाहनों में लेकर ग्रामीण परिजनों को निजी क्लीनिक लेकर जा रहे हैं।
टीम ने डाला डेरा
एकाएक आधा सैकड़ा मरीज सामने आने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर बाघेलान के चिकित्सकों की टीम नरसिंहपुर रवाना की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर सर्वे कर रोगियों की तलाश की। पीड़ितों को इलाज के बाद दवाइयां दी गईं।
निजी क्लीनिक में भीड़
उल्टी-दस्त से पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पर आराम नहीं मिल रहा है। ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सज्जनपुर के निजी क्लीनिक में मरीजों की लम्बी कतार लग जाती है।
ये हैं उल्टी-दस्त से बीमार
सुमित्री आदिवासी, राजाराम, दिव्यांस, दीपाली, सुनीता, सौखीलाल, भूरी, अनिल, खुश्बू, फूलन, लक्ष्मी, सत्यम, कमलेश, शुभम, समीर, गीता, आशिकी, अंजली, अंशिका, अमोल, रेखा, दिव्यांशी, जय, विजय, शिव प्रसाद, मुन्नी, रामलाल, सरला, विजय, पुष्पराज, अंजनी, राज, संध्या, शालिनी, रागिनी, दयावती आदिवासी समेत अन्य।
Published on:
06 Sept 2022 06:39 pm
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