
maihar civil hospital
सतना. सिविल अस्पताल मैहर में चिकित्सकों की मनमानी के कारण एक गर्भवती की मौत हो गई, जबकि जुड़वां मासूमों का दम गर्भ में ही घुट गया। परिजनों का आरोप है हाईरिस्क प्रेग्नेंसी के बाद भी सिविल अस्पताल की महिला चिकित्सक ने गर्भवती को समय रहते रेफर नहीं किया। इससे जुड़वां मासूमों सहित गर्भवती की मौत हुई है। घटना से गुस्साए परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन की तैयारी शुरू की तो तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। परिजनों को समझाइश दी। एसडीएम ने महिला चिकित्सक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब परिजन माने।
यह है पूरा मामला
पुरानी बस्ती निवासी गर्भवती सुमैय्या अली को 26 अक्टूबर को रक्तत्राव होने पर परिजनों ने सिविल अस्पताल मैहर में भर्ती कराया। तीन दिन तक गर्भवती का सिविल अस्पताल मैहर में डॉ सत्यवती अवधिया की निगरानी में इलाज चलता रहा। रक्तत्राव के चलते 28 अक्टूबर को एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। स्थिति गंभीर होने पर 28 अक्टूबर को दोपहर गर्भवती को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। दोपहर 2:30 बजे उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉ प्रीतिका सिंह ने प्राथमिक उपचार के बाद लेबर रूम में दााखिल कराया। प्रीतिका सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल से हीमोग्लोबिन संबंधी जांच रिपोर्ट साथ में नहीं भेजी गई थी। जबकि एक स्टाफ नर्स हेमलता को साथ भेजा गया था। गर्भवती की स्थिति नाजुक होने पर हीमोग्लोबिन जांच कराई गई। रिपोर्ट में सामने आया कि महज ३ ग्राम हीमोग्लोबिन है। इसके बाद गर्भवती को 6 यूनिट ए पॉजिटव ब्लड चढ़ाया गया।
संभव नहीं थी सर्जरी
लेबर रूम के चिकित्सकों के मुताबिक हीमोग्लोबिन कम होने के कारण सर्जरी संभव नहीं थी। 28 अक्टूबर की रात 12 बजे गर्भवती ने मृत बच्चे को जन्म दिया। रात 2.30 बजे गर्भवती के एक मासूम की कोख में मौत हो गई। इसके बाद उसने भी दम तोड़ दिया। परिजन जुड़वां मासूमों सहित गर्भवती का शव लेकर मैहर पहुंचे। गुस्साए परिजनों ने डॉ सत्यवती अवधिया पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों का कहना था कि डॉ अवधिया की निजी क्लीनिक में इलाज नहीं कराया, इसलिए अस्पताल में देखरेख नहीं की गई। इससे जुड़वां मासूमों सहित गर्भवती की मौत हो गई। गुस्साए परिजन सिविल अस्पताल के सामने लाश रखकर प्रदर्शन करने की तैयारी करने लगे। प्रदर्शन की भनक लगते ही तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मृतका के पहुंचे। एसडीएम ने डॉ सत्यवती अवधिया को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब परिजन माने और जुड़वा मासूमों सहित गर्भवती का अंतिम संस्कार किया।
मौत के बाद पांच चिकित्सकों को नोटिस
सीएमएचओ डॉ अशोक कुमार अवधिया ने सिविल अस्पताल मैहर प्रभारी डॉ सोमप्रकाश पाण्डेय, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सत्यवती अवधिया, जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक डॉ सुनील पाण्डेय, डॉ प्रीतिका सिंह और डॉ मंजू सिंह को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम ने वेतनवृद्धि रोकने जारी किया नोटिस
मैहर एसडीएम सुरेश अग्रवाल ने परिजनों की शिकायत के बाद डॉ सत्यवती अवधिया को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। चेतावनी दी है कि क्यों न आपकी दो वेतन वृद्धियां रोकने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाए।
पत्नी को बचा रहे सीएमएचओ
परिजनों ने आरोप लगाया कि सीएमएचओ डॉ अवधिया को सिविल अस्पताल गायनी विभाग में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सत्यवती अवधिया की मनमानी की पूरी जानकारी है। लेकिन, सीएमएचओ अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ सत्यवती को सिविल अस्पताल से हटाकर उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई जानी चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके।
Published on:
30 Oct 2019 01:28 am
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