MP High Court: एमपी हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मुआवजा न मिलने से आहत किसान अब आंदोलन की राह पर हैं। 10 जून को सतना कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पावर ग्रिड कार्पोरेशन अब किसानों को टावर और लाइन का मुआवजा किसानों को नहीं दे रहा है। हाई कोर्ट का आदेश लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुके सतना के किसानों ने अब निर्णय लिया है कि वे 10 जून को गांवों से लेटकर कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे। इसके बाद कलेक्टर के माध्यम से इच्छा मृत्यु का ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम दिया जाएगा।
एक दशक से भी ज्यादा समय गुजरने के बाद पावर ग्रिड की मनमानी झेल रहे किसानों का सब अब जवाब दे चुका है। किसानों के खेतों से पावर ग्रिड ने पावर लाइन निकाली और खेतों में टावर खड़े किए। लेकिन शासन की नीति के अनुसार उन्हें मुआवजा नहीं दिया। किसानों ने कलेक्टर न्यायालय में अपील की। जहां से कलेक्टर ने मुआवजा देने के आदेश दिए। इसके बाद भी पावर ग्रिड ने मुआवजा नहीं दिया तो किसान हाई कोर्ट चले गए।
इस दौरान मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने टावर में चढ़ कर प्रदर्शन किया। अब विगत माह हाई कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला देते हुए कलेक्टर के आदेश को सही ठहराया है। इसके बाद भी पावर ग्रिड के अधिकारी किसानों को मुआवजा नहीं दे रहे हैं। इसे लेकर किसानों ने डिप्टी कलेक्टर एलआर जांगड़े को ज्ञापन सौंपा है।
रामनाथ कोल के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने कहा, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 9 अप्रैल को किसानों ने कलेक्टर को सामूहिक आवेदन दिया। जिसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई। एक ओर तो पावर ग्रिड की वजह से जमीनों का नुकसान हुआ उपर से हक की लड़ाई में कोर्ट कचेहरी में आर्थिक नुकसान हुआ। अब किसानों की माली हालत दयनीय हो गई है। अब राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी जाएगी। इस पीड़ा दायक जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी और पावर ग्रिड के अधिकारी चैन की वंशी बजा सकेंगे।