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सतना

मन की चंचलता को दूर करता है भ्रामरी प्राणायाम

योग सीरीज

सतनाMay 01, 2020 / 08:25 pm

Jyoti Gupta

Yoga Series

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सतना. आज के समय में बहुत से लोग अस्वस्थ हैं । पर उनके पास बहुत अधिक समय नहीं होता कसरत या व्यायाम करने के लिए। एेसे में एक साधारण प्राणायाम भी उनके बेहद काम आ सकता है। मात्र हर दिन १० से २० मिनट देने से उनको बेहद बहुत फायदे हो सकते हैं। ये भ्रामरी प्राणायाम जितना बड़ों के लिए फायदेमंद हैं उतना ही बच्चों के लिए। मन की एकाग्रता को बढ़ाने और चंचलता को दूर करने में बेहद सहायक है। एेसे करें किसी ध्यान के आसान में बैठें। आसन में बैठकर रीढ़ को सीधा कर हाथों को घुटनों पर रखें। तर्जनी को कान के अंदर डालें। दोनों नाक के नथुनों से श्वास को धीरे- धीरे ओम शब्द का उच्चारण करने के बाद मधुर आवाज में कंठ से भौंरे के समान गुंजन करें। नाक से श्वास को धीरे५धीरे बाहर छोड़ दें । पूरा श्वास निकाल देने के बाद भ्रमर की मधुर आवाज अपने आप बंद होगी। इस प्राणायाम को तीन से पांच बार करें।लाभ वाणी ओर स्वर में मधुरता आती है। ह्रदय रोग के लिए फ ायदेमंद है। मन की चंचलता दूर होती है व मन एकाग्र होता है। पेट के विकारों को दूर करती है। उच्च रक्त चाप पर नियंत्रण करता है।
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