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डेढ़ दशक से जिले को चम्बल के पानी का इंतजार, ढाई साल से बंद है परियोजना का कार्य

-15 साल में 72 प्रतिशत ही हो सका कार्य, आगे भी नजर नहीं आ रहे आसार

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डेढ़ दशक से जिले को चम्बल के पानी का इंतजार, ढाई साल से बंद है परियोजना का कार्य

Chambal water

सवाईमाधोपुर. चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना का कार्य लम्बे समय से ठप है। डेढ़ दशक से जिले को चम्बल के पानी का इंतजार है। अधिकारियों व फर्म की ढिलाई से योजना के पूरा होने की अवधि साल-दर-साल बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में फिर से योजना खटाई में पड़ गई है। स्थिति ये है वर्तमान में ढाई साल से परियोजना का कार्य बंद है। कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य के चलते परियोजना में आगे भी कोई आसार नजर नहीं आ रहे है।

ये है प्रमुख कारण
योजना के तहत कंपनी की ओर से अब परियोजना में ज्यादा राशि की डिमांड की जा रही है, जबकि उनको भुगतान 2005 के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे में कपंनी से अक्टूबर 2018 से कार्य बंद कर रखा है। जानकारी के अनुसार सवाईमाधोपुर-नादौती पेजयल परियोजना में वर्तमान मे 72 प्रतिशत का काम पूरा चुका है। अक्टूबर 2018 से इस योजना का कार्य बंद है। ऐसे में इस वर्ष भी पानी की आस लगाए बैठे लोगों को सवाईमाधोपुर-नादौती परियोजना का पानी नहीं मिल सकेगा। इधर, सरकार भी अब योजना में रूचि नहीं दिखा रही है।

567 करोड़ की है योजना
करौली-सवाईमाधोपुर जिले की बहुआयामी योजना वर्ष 2004 में स्वीकृत हुई थी। तीन अक्टूबर 2005 को परियोजना का कार्य शुरू हुआ था। दो अक्टूबर 2008 को परियोजना कार्य पूण होना था लेकिन समय पर कार्य पूरा नहीं होने से विभाग ने अब तक आठ बार समय बढ़ाया है। वहीं निर्माता कम्पनी पर 17.37 करोड़ का जुर्माना लगाया था। परियोजना का लाभ सवाईमाधोपुर जिले के 416 एवं करौली जिले के 510 गांवों को मिलेगा।

ये है वर्तमान कार्यों की स्थिति
चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना के तहत अब तक 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो सका है। मण्डरायल से सवाईमाधोपुर तक इंटेक वेल पर 27 प्रतिशत, पाइप लाइन का कार्य 70 प्रतिशत, वाटर ट्रीटमेंट का 75 प्रतिशत कार्य हुआ है। फर्म की ओर से 14 सितम्बर 2016 को कार्य बंद कर दिया गया। इसे वापस मार्च 2017 में शुरू किया गया, लेकिन इसके बाद जून में फिर से काम बंद कर दिया गया। इसके बाद से अब तक कार्य बंद है। सवाईमाधोपुर से गंगापुर के मध्य कुल 68.5 किमी पाइप लाइन डाली जानी है। इनमें से अब तक केवल 27.9 किलोमीटर तक पाइप लाइन डाली जा चुकी है, जबकि 38 किलोमीटर तक पाइप लाइन डालने का कार्य शेष है।

तीन साल का काम 15 साल में भी नहीं
तीन साल में पूरी होने वाली चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना विभाग आला अधिकारियों के पद रिक्त होने व निर्माता कम्पनी की शिथिलता से डेढ़ दशक बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

गंगापुर में अस्थाई पंपिंग स्टेशन से हो रही आपूर्ति
जिले के गंगापुरसिटी में चम्बल-नादोती परियोजना के तहत तृतीय चरण में पानी की आपूर्ति हुई है लेकिन यहां भी अस्थाई तौर पर पंपिग स्टेशन से ही पेयजलापूर्ति हो रही है।

ये बोले लोग
जिलेवासियों को अब तक सवाईमाधोपुर-नादौती परियोजना के तहत पानी नहीं मिल पाया है। परियोजना में ढिलाई बरतने से अब तक कार्य अधूरा पड़ा है। जल्द परियोजना का कार्य पूरा होना चाहिए, ताकि जिले के लोगों को पानी की समस्या से निजा मिले।
सुधीर शर्मा, व्यवसायी, बाल मंदिर कॉलोनी, सवाईमाधोपुर

जिलेवासी लम्बे समय से चम्बल परियोजना के पानी का इंतजार कर रहे है। लेकिन लोगों की आस अधूरी है। कार्य बंद होने से अभी ओर समय लगेगा। परियोजना का कार्य शीघ्र चालू होना चाहिए।
हरिप्रसाद योगी, सामाजिक कार्यकर्ता, सवाईमाधोपुर

इनका कहना है
चम्बल सवाईमाधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना का कार्य 72 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। कंपनी वाले अब ज्यादा राशि की मांग कर रहे है, जबकि योजना के तहत उनको 2005 के आधार पर भुगतान कर रहे है। ऐसे में करीब ढाई साल से काम बंद है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।
एमपी वर्मा, अधीशासी अभियंता, चम्बल-सवाईमाधोपुर-नादौती परियोजना, सवाईमाधोपुर