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रणथम्भौर से दो और बाघिनों की होगी shifting , एनटीसीए से अनुमति का इंतजार

रणथम्भौर से दो और बाघिनों की होगी shifting , एनटीसीए से अनुमति का इंतजार सरिस्का के बाद अब रामगढ़ विषधारी व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भेजने की तैयारी सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर अभयारण्य से चार दिन पहले सरिस्का में बाघिन शिफ्ट किए जाने के बाद अभी दो और बाघिनों को रणथम्भौर अभयारण्य से शिफ्ट करने की तैयारी है। गुरुवार को रणथम्भौर की खण्डार रेंज से बाघिन टी-134 को अलवर के सरिस्का में शिफ्ट किए जाने के बाद 2 और बाघिनों की shifting की तैयारी चल रही है।  

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रणथम्भौर से दो और बाघिनों की होगी shifting , एनटीसीए से अनुमति का इंतजार

रणथम्भौर से दो और बाघिनों की होगी shifting , एनटीसीए से अनुमति का इंतजार

रणथम्भौर से दो और बाघिनों की होगी shifting , एनटीसीए से अनुमति का इंतजार

सरिस्का के बाद अब रामगढ़ विषधारी व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भेजने की तैयारी


सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर अभयारण्य से चार दिन पहले सरिस्का में बाघिन शिफ्ट किए जाने के बाद अभी दो और बाघिनों को रणथम्भौर अभयारण्य से शिफ्ट करने की तैयारी है। गुरुवार को रणथम्भौर की खण्डार रेंज से बाघिन टी-134 को अलवर के सरिस्का में शिफ्ट किए जाने के बाद 2 और बाघिनों की शिङ्क्षफ्टग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार तो जल्द ही रणथम्भौर से बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भी एक-एक बाघिन को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।

इसलिए रामगढ़ को मिलेगी प्राथमिकता


वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि रामगढ़ में बाघिन के शावकों को जन्म देने के बाद वर्तमान में बाघिन ने शावकों से दूरी बना रखी है। जबकि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक ही बाघिन है। ऐसे में यदि बाघिन का शावकों के साथ बाघ से सामना होता है तो शावकों की जान को भी खतरा हो सकता है। ऐसे में वन विभाग की ओर से शावकों की सुरक्षा के लिए रणथम्भौर से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक ओर बाघिन को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए वन विभाग की ओर से रणथम्भौर में बाघिनों को चिह्नित भी कर लिया गया है।


एक साल में चार बाघ-बाघिन तथा दो शावक हुए शिफ्ट

रणथम्भौर अभयारण्य से पिछले एक साल में चार बाघ-बाघिन शिफ्ट किए जा चुके हैं। इनमें दो बाघ व दो बाघिन शामिल हैं।
वन विभाग की ओर से गत वर्ष जुलाई में रणथम्भौर के आमाघाटी वन क्षेत्र से बाघिन टी-102 को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, जोन पांच से बाघ टी-113 को सरिस्का व रणथम्भौर की फलौदी रेंज से बाघ टी-110 को ट्रेंकुलाइज करके कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा चुका है। इसी प्रकार गुरुवार को रणथम्भौर पार्क की खण्डार रेंज से बाघिन टी-134 को सरिस्का शिफ्ट किया गया था। एक माह पहले दो शावकों की मौत के बाद उनको सुरक्षित संरक्षण में पालन के लिए कोटा के अभेड़ा में शिफ्ट किए गए थे।
सूत्रों ने बताया कि सरिस्का के बाद अब बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन को शिफ्ट किया जाएगा। रामगढ़ में गत वर्ष जुलाई में बाघिन टी-102 को शिफ्ट किया गया था। इस बाघिन ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व मेंं शावकों को जन्म दे दिया है। हालांकि अब तक वन विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

वन विभाग ने भेजा प्रस्तावपहले रामगढ़ जाएगी बाघिन

सूत्रों के कहना है कि रणथम्भौर से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघिन को शिफ्ट करने के संबंध में उच्च अधिकारियोंं को प्रसताव भी भेजा जा चुका है। साथ ही विभाग की ओर से इस संबंध में नेशनल टाइगर कनजर्वेशन ऑथरिटी (एनटीसीए) को भी पत्र लिखा जा चुका है। अब वन विभाग की ओर से एनटीसीए से अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

इनका कहना है

फिलहाल सरिस्का बाघिन को शिफ्ट किया गया है। अगले चरण में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व व कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिनों को शिफ्ट किया जाएगा।
सेडूराम यादव, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।