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यह भारतीय, लैब में बना रही हैं दुनिया की पहली जीवित कोशिका

क्यों खास: शिकागो की इलिनॉॅइस विश्वविद्यालय की स्कॉलर अशमा पंड्या ने बैक्टीरिया के नैनोकेज डिजाइन बनाए हैं जो शरीर में ट्यूमर की वास्तविक जगह पर पहुंचकर ही एक खास एंटी-कैंसर दवा रिलीज करते हैं।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Jun 21, 2021

यह भारतीय, लैब में बना रही हैं दुनिया की पहली जीवित कोशिका

यह भारतीय, लैब में बना रही हैं दुनिया की पहली जीवित कोशिका

भारतीय शोध छात्रा अशमा पंड्या (Ashma Pandya) दुनिया की पहली जीवित कोशिका (World's First Living Cell Prototype) का प्रोटोटाइप विकसित करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने शोध की शुरुआत हाई स्कूल के दौरान, भारत में ही वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (Bioinformatics Centre within the Council of Scientific and Industrial Research’s Institute of Microbial Technology in India) से की थी। 2019 में परिवार सहित अमरीका के नेपरविले शिफ्ट होने के बाद भी उन्होंने इलिनोइस विश्वविद्यालय (University of Illinois at Chicago), शिकागो में शोधकार्य जारी रखा।

कैंसर रोगियों को बचा सकेंगे
पंड्या ने फरवरी 2020 में बैक्टीरिया के नैनोकेज डिजाइन बनाए हैं जो कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर एक खास एंटीकैंसर दवा रिलीज करते हैं। अशमा का कहना है कि सबसे सफल एंटी-कैंसर दवाएं भी स्वस्थ और कैंसरग्रसित कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं कर पाती हैं। इसी वजह से केवल 1 फीसदी दवा ही ट्यूमर तक पहुंचती है। लेकिन अशमा जिन जीवित स्मार्ट कोशिकाओं को विकसित कर रही हैं, वे आसानी से कैंसर कोशिकाओं को पहचान लेंगी।