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Black Hole ने इंसानों की तरह पहली बार झपकी पलकें, वैज्ञानिकों ने किया दावा

Black Hole Blinking : यह Black Hole 27.5 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है और उसका भार हमारे सूर्य से 1.9 करोड़ गुना ज्यादा है वैज्ञानिकों के अनुसार Black Hole के कोरोना या उसके आस-पास होने वाले बदलाव की वजह से ऐसा हुआ है

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Soma Roy

Jul 20, 2020

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Black Hole Blinking

नई दिल्ली। इंसानों को और जीव-जंतुओं को तो आपने पलकें झपकाते देखा होगा, लेकिन क्या कभी आपने अंतरिक्ष में किसी Black Hole को ऐसा करते देखा या सुना है। शायद नहीं, लेकिन खगोलविदों ने दावा किया है कि ब्लैकहोल ने पहली बार इंसानों की तरह पलकें झपकी हैं। ये नजारा काफी अद्भुत और हैरान करने वाला था। उन्होंने वहां अजीब सी गतिविधि भी देखी है। जिसमें पाया कि ब्लैकहोल (Black Hole) के आसपास की चमक (Glow) गायब होकर फिर से वापस आई। ये ठीक वैसा ही दृश्य है जैसे मानों किसी ने पलक झपकी (Blinking) हो।

खगोलविद जिस ब्लैकहोल की बात कर रहे हैं वह हमसे 27.5 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है और उसका भार हमारे सूर्य से 1.9 करोड़ गुना ज्यादा है। यह 1ES1927+654 गैलेक्सी के केंद्र में हैं। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल ऑफ लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक इस ब्लैकहोल के आसपास के कोरोना क्षेत्र की चमक 40 दिन में एक बार चली जाती है और बाद फिर लौट आती है। ऐसा होते ही ये पहले से ज्यादा चमकदार दिखने लगता है। मैसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की भौतिकविद एरीरन कारा का कहना है कि इस चमक में करोड़ों अरबों साल के समय में बदलाव हो सकता है, लेकिन इस ब्लैकहोल में एक साल में दस हजार बार या फिर आठ घंटों में सौ बार तक बदलाव हो सकता है। ये काफी अजीब और हैरान करने वाली बात है।

आमतौर पर ब्लैकहोल का गुरुत्व बहुत शक्तिशाली होता है। वे अपने आस-पास की चीजों समेत प्रकाश तक को खींच लेते हैं, लेकिन एक दूरी के बाद उनके पास की चीजें उनके अंदर तक नहीं खिंच पाती हैं। ऐसे में गुरुत्व के प्रभाव के चलते ये चीजें तेजी से उसके चक्कर लगाने लगती है। मगर बाद में वो प्रकाश गायब हो जाता है। मगर इस बार ब्लैकहोल की चमक जाने के बाद दोबारा तेजी से लौटना पलक झपकने जैसी चीज को दर्शाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा मैग्नेटिक फील्ड के कारण हो सकता है। जिसमें एक तारे का ब्लैकहोल के कारण फटने की प्रक्रिया से उसके कोरोना पर प्रभाव पड़ रहा हो। वैसे इस तरह की अजीब घटना 1ES 1927+654 में साल 2018 में देखा था।