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खगोलविज्ञानियों ने 1000 से ज्यादा ऐसे सितारों को हटाया जिनसे एलियंस हम पर रख सकते हैं नजर

ये सभी सितारे पृथ्वी से 33 प्रकाश वर्ष के दायरे में ही स्थित हैं। इसलिए वे एलियंस द्वारा ग्रह पर जीवन के चिन्हों का पता लगाने के लिए पृथ्वी के बहुत नजदीक हैं।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Oct 23, 2020

खगोलविज्ञानियों ने 1000 से ज्यादा सितारों को हटाया जिनसे एलियंस हम पर रख सकते हैं नजर

खगोलविज्ञानियों ने 1000 से ज्यादा सितारों को हटाया जिनसे एलियंस हम पर रख सकते हैं नजर

हाल ही खगोलविदों (Astronomers) ने हमारी आकाशगंगा (milkyway) के करीब 1004 ऐसे सितारों (stars) और चमकदार ग्रहों (exoplanets) की पहचान की है जो हमारे सूरज (Sun) के समान हैं। ये सभी सितारे रहने योग्य ग्रहों को जीवन की उत्पत्ति (Origin of Life) में मदद कर सकते हैं। इनकी मदद से एलियंस (Aliens) पृथ्वी के वातावरण में जैविक जीवन के संकेतों का पता लगा सकते हैं क्योंकि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। यह अध्ययन एसईटीआइ (SETI) और ब्रेकथ्रू लिसन इनिशिएटिव (Breakthrough Listen Initiative) जैसे खगोलीय संगठनों की मदद कर सकता है जो सक्रिय रूप से उन्नत अलौकिक (अंतरिक्षीय) सभ्यताओं के संकेतों की खोज कर रहे हैं।

ट्रांजिट तकनीक से लगाया पता
दुनिया भर के खगोलविज्ञानियों ने ट्रांजिट विधि (परगमन तकनीक) का उपयोग करके अब तक खोजे गए अधिकांश एक्सोप्लैनेट का पता लगाया गया है। इस तकनीक में सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद सितारों से आने वाले प्रकाश का अवलोकन कर और प्रकाश की तेज या मद्धम होती किरणों को देखना शामिल है। ऐसा किसी ऑब्जेक्ट की परिक्रमा कर रहे ग्रह या उपग्रह के रूप में एक शक्तिशाली दूरबीन के लैंस और दूर स्थित तारे की सतह के बीच से गुजरने पर होता है। खगोलविज्ञानी ट्रांजिट तकनीक का उपयोग करके, एक्सोप्लैनेट की उपस्थिति की पुष्टि करने और उनके वायुमंडल की विशेषता दोनों ही बताने में सक्षम हैं। इस तरह यह तकनीक सुदूर अंतरिक्ष की अंधेरी दुनिया में छुपी किसी अलौकिक जीवन वाले ग्रह की खोज में भी उपयोगी है। क्योंकि जैविक जीवन और औद्योगीकरण किसी भी ग्रह के वातावरण पर अपनी गहरी छाप छोड़ते हैं।

हमारे ग्रह को भी ढूंढ सकते एलियंस
ऐसा नहीं है कि यह तकनीक सिर्फ हम ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रांजिट तकनीक का उपयोग करके हमारे ग्रह को सैद्धांतिक रूप से अंतरिक्ष के किसी भी ग्रह पर रहने वाले एलियंस सभ्यता भी खोज सकती है और हमारे ग्रह के वातावरण की जानकारी हासिल कर सकती है। यदि एलियंस सूर्य के सामने से पृथ्वी के गुजरने पर उसे देख लेते हैं तो वे निश्चित रूप से इस नारंगी रंग के ग्रह पर हमारी मौजूदगी के कारण वायुमंडलीय रसायनों का पता लगा सकते हैं।

नासा सैटेलाइट से खोजे सितारे
इस अध्ययन को करने वाली खगोलविज्ञानियों की टीम ने अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) द्वारा कैप्चर किए गए डेटा का उपयोग करते हुए इन चमकते ग्रहों और सितारों का पता लगाया। यह टीम दो सालों से भी अधिक समय से अंतरिक्ष में ऐसे सितारों की खोज कर रही थी। उन्होंने ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट की मदद से हमारी आकाशगंगा के आसपस का 74 फीसदी हिस्सा सफलतापूर्वक स्कैन करने में कामयाबी पाई है। जिन नए सितारों और ग्रहों की पहचान हुई है वे लगभग उसी वृत्त या रास्ते पर स्थित हैं जिस पर हमारा ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है।

एलियंस इन सितारों के जरिए हमारे ग्रह को आसानी से अपने मूल सितारे की सतह से देख सकते हैं। अध्ययन में वर्णित सभी तारे पृथ्वी से 33 प्रकाश वर्ष के दायरे में ही स्थित हैं। इसलिए वे एलियंस द्वारा हमारे ग्रह के वातावरण में जीवन के चिन्हों का पता लगाने के लिए बहुत नजदीक मौजूद हैं। यह अध्ययन हाल ही द एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मंथली नोटिस में प्रकाशित किया गया है।