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गर्भावस्था में गर्मी और उमस का असर होने वाले बच्चे के कद पर पड़ सकता है, रिसर्च में हुआ खुलासा

New Research: गर्भावस्था में गर्मी और उमस का कितना असर पड़ता है, इस बारे में हाल ही में आई एक रिसर्च में एक बड़ा खुलासा हुआ है।

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भारत

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Himadri Joshi

Dec 24, 2025

Heat and humidity during pregnancy

गर्भावस्था में गर्मी और उमस का असर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक गर्मी और उमस का मौसम बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान ज्यादा गर्म और उमस भरे मौसम का सामना करना पड़ा, उनके बच्चे उम्र के हिसाब से औसतन 13% छोटे पाए गए। वैज्ञानिकों के अनुसार उमस के कारण शरीर को ठंडा रखना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से गर्मी का असर कई गुना बढ़ जाता है। इसका असर होने वाले बच्चे के कद पर पड़ सकता है।

जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ सकते हैं ऐसे हालात

सिर्फ अत्यधिक गर्मी के संपर्क में रहने से बच्चों की लंबाई में करीब 1% की कमी देखी गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे हालात भविष्य में और बढ़ सकते हैं जो चिंता का विषय है।

उमस से होने वाले बच्चे के कद पर कैसे असर पड़ता है?

रिसर्च से पता चलता है कि गर्भावस्था में उमस भरे मौसम से उसका कद छोटा रह सकता है। उमस गर्मी के प्रभाव को चार गुना बढ़ा देती है, जिससे बच्चे की ऊंचाई-उम्र अनुपात में 1-5% तक कमी आ सकती है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में उमसयुक्त गर्म दिनों की अधिकता से बच्चे का कद 5.1% तक प्रभावित होता है। ज़्यादा उमस वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों में छोटे कद का जोखिम अधिक होता है, क्योंकि इससे पोषण अवशोषण और स्वास्थ्य प्रभावित होता है। जलवायु परिवर्तन से बढ़ती उमस इस समस्या को और गंभीर बना रही है।

बचाव के उपाय

उमस से होने वाले बच्चे के कद पर बुरा असर न पड़े, इसके लिए घर में ठंडक बनाए रखना ज़रूरी है। घर में एसी या कूलर का उपयोग करना चाहिए। दिन के समय जब ज़्यादा गर्मी हो, तब बाहर नहीं निकलना चाहिए। हर दिन 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए और डिहाइड्रेशन से बचन चाहिए। ढीले कपड़े पहनने चाहिए। पोषणयुक्त संतुलित आहार लेना चाहिए। आराम करना चाहिए और भारी काम या व्यायाम नहीं करने चाहिए।