
नई दिल्ली: चेन्नई में इंजमबक्कम और एलियट के समुद्र तट के पानी में एक शानदार नीले रंग की चमक दिखाई दी। इस दौरान यहां कुछ लोग मौजूद थे। लोगों ने इस पानी के साथ काफी मस्ती भी की। दरअसल, ये नीली चमक नोक्टिलुका स्किनटिलन्स द्वारा उत्पन्न हुई थी। घटना पूरी तरह से जैविक थी। इस तरह का नीला रंग नोक्टिलुका अमोनिया की बड़ी मात्रा का उत्सर्जन करता है जो मछलियों के लिए हानिकारक है। अनुसंधान ने उन्हें तटीय प्रदूषण और समुद्री खाद्य श्रृंखलाओं में असंतुलन से भी जोड़ा है।
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में न्यूयॉर्क के निवासियों ने आकाश में रहस्यमय नीली चमक देखी थी। लेकिन बाद में पता चला कि ये एक ट्रांसफार्मर विस्फोट के कारण हुआ था। वहीं अप्रैल महीने में भी ऐसा ही नजारा देखा गया था, लेकिन वो वास्तव में नासा के एक मिशन के द्वारा हुआ था। लेकिन इस तरह की घटना का बार-बार होना कई सवालों को जन्म देता है। साथ ही इसको लेकर चेतावनी भी जारी की गई है।
चेतावनी दी गई कि ऐसी स्थिति में जब इस तरह की नीली चमक दिखाई दे तब नदी ठीक नहीं है। यानि ये अमोनिया के अधिक होने और ऑक्सीजन की कमी के कारण को दर्शाता है। ये सूक्ष्म प्लवक आमतौर पर उन क्षेत्रों में होते हैं जहां ऑक्सीजन की कमी होती है और संभावित रूप से उच्च स्तर पर नाइट्रोजन और फास्फोरस होती है। जो आमतौर पर समुद्री जीवों के लिए भी खतरा है।
Published on:
21 Aug 2019 04:27 pm
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