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145 लाख साल पहले अंटार्कटिका में बर्फ की जगह पड़ती थी गर्मी, डायनासोर के जीवाश्म ने खोले राज

Dinosaur Fossils : उल्कापिंड के टकराने से धरती पर मची थी उथल-पुथल जंगलों के जीवाश्म ने भी खोले कई रहस्य

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Dinosaur Fossils

नई दिल्ली। पर्यावरण में काफी अरसे से बदलाव हो रहे हैं। यही वजह है कि कई जानवरों और पौधों का अस्तित्व ही मिट गया है। इन्हीं में से एक है डायनासोर। ये जानवर अब महज फिल्मों में ही देखने को मिलते है। मगर क्या आपको पता है आज से करीब 145 लाख साल पहले इनका वजूद था। इस बात का खुलासा वैज्ञानिकों को डायनासोर (Dinosaur) के मिले जीवाश्म (fossils) से हुआ है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक डायनासोर के लिए अंटार्कटिका (Antarctica) उनका मुख्य बसेरा था। चूंकि डायनासोर को जीवित रहने के लिए गर्मी की जरूरत पड़ती है। इसलिए आज से लाखों वर्ष पहले यहां बर्फ की मोटी चादर के बजाय भयंकर गर्मी पड़ती थी। शोधकर्ताओं को यहां बर्फ में दबे डायनासोर के जो जीवाश्म मिले हैं, वो इसी दौर की तरफ इशारा करते हैं।

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शोधकर्ताओं के अनुसार एक उल्कापिंड के धरती से टकराने पर सब कुछ बदल गया। इससे ग्लेशियर पिघल गए और समंदर में समा गए। इससे समुद्र का जल स्तर बढ़ गया। भू-विज्ञान में इसे क्रिटेशियस महायुग कहते हैं। जानकारों के मुताबिक अंटार्कटिका में डायनासोर के जीवित रहने के आलवा उनका पेट भरने के लिए दुलर्भ पेड़-पौधे भी थे, जो गर्मी में ही उग सकते थे। मगर पर्यावरण में हुए बदलाव के चलते अचानक पूरा जंगल (Forest) भी नष्ट हो गया।