18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वैज्ञानिकों की नई चिंता, धीमी हो रही है पृथ्वी के घूमने की गति

भौगोलिक घटना: अमरीकी वैज्ञानिकों के अध्ययन में सामने आया नया एंगल

2 min read
Google source verification
वैज्ञानिकों की नई चिंता, धीमी हो रही है पृथ्वी के घूमने की गति

वैज्ञानिकों की नई चिंता, धीमी हो रही है पृथ्वी के घूमने की गति

वाशिंगटन. हमारे ग्रह यानी पृथ्वी का घूमना स्थिर लगता है, लेकिन वास्तव में इसकी गति कई उतार-चढ़ाव से गुजरती है। नए अध्ययन में सामने आया है कि पृथ्वी की घूर्णन गति (अपने अक्ष पर) चिंताजनक ढंग से कम हो रही है। इसके पीछे भूकंप, ज्वालामुखी, ज्वारीय बल और हवा का पैटर्न प्रमुख कारक हैं। नए अध्ययन के मुताबिक धु्रवों की बर्फ पिघलने से पृथ्वी का घूर्णन धीमा हो रहा है, क्योंकि इससे दुनिया के महासागरों का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है। यूसी सैन डिएगो स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी के भूभौतिकविद और मुख्य लेखक डंकन एग्न्यू इस बार लीप सेकंड का कम होना भी इस भौतिक घटना का प्रतिकार मानते हैं।

1.4 अरब वर्ष पहले 18 घंटे का दिन था
पृथ्वी के घूर्णन का इतिहास देखें तो यह निरंतर धीमा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक लगभग 1.4 अरब वर्ष पहले 18 घंटे और 41 मिनट का एक दिन होता था। डायनासोर के युग में एक दिन सिर्फ 23 घंटे का था। हालांकि यह प्रक्रिया काफी धीमी है। मौजूदा दिन की अवधि कांस्य युग के अंत की तुलना में 0.047 सेकंड बढ़ा है। हालांकि तरल बाहरी कोर के घूमने के कारण पृथ्वी की गति में परिवर्तन संंभव है। नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण 2028 या 2029 लीप सेकंड को हटाने की आवश्यकता में देरी होगी।

हटा सकते हैं लीप सेकंड
लेखक एग्न्यू ने बताया कि इससे पहले कभी भी नकारात्मक लीप सेकंड नहीं हुआ। लीप सेकंड का समायोजन इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण प्रणालियां सटीक टाइमकीपिंग पर निर्भर होती हैं। 1972 के बाद वैज्ञानिकों ने घड़ी में अब तक 27 लीप सेकंड जोड़े हैं। अब देखना होगा कि पृथ्वी की गति से पैदा हुई चिंताओं के चलते लीप सेकंड कैसे कम किया जाएगा, क्योंकि अभी वैज्ञानिकों ने इसके असर का अध्ययन नहीं किया है। हालांकि नवंबर, 2022 में एक वैश्विक सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने 2035 तक लीप सेकंड को खत्म करने का फैसला किया था।