चीन में 5g टेक्नोलॉजी से डॉक्टरों ने बिना हाथ लगाए की सर्जरी , जानें कैसे ऑस्ट्रेलिया( austrelia )के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी (university )की ओर से किए गए शोध में पता चला कि पानी में प्लास्टिक पॉल्यूशन तेजी से बढ़ रहा है। वहीं इंसानों के शरीर में इसका प्रवेश खानपान के जरिए हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक शैलफिश एक ऐसी मछली है, जो समुद्र में रहते हुए प्लास्टिक खाती हैं। जब खाने में हम इस मछली को खाते हैं तो इसके साथ प्लास्टिक के कण भी शरीर में पहुंच जाते हैं।
जमीन पर बैठकर खाने से मिलते हैं कई फायदे! नए शोध में हुई पुष्टि वहीं रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि खाना ही नहीं बल्कि पानी से ही इंसान में हर हफ्ते प्लास्टिक के 1769 कण पहुंच रहे हैं। बता दें कि दुनियाभर में 2000 से भी अधिक प्लास्टिक का इतना ज्यादा निर्माण किया जा चुका है जितना के पहले कभी नहीं हुआ होगा। इसका एक तिहाई हिस्सा नेचर में फैल गया है और उसे प्रदूषित कर रहा है।
दरअसल, दुनियाभर में प्लास्टिक को लेकर 52 रिसर्च की गई थी, जिनके अनुसार- प्लास्टिक की मात्रा विश्व के कई हिस्सों में अलग-अलग मिली है। हालांकि यह सबसे ज्यादा कहां से आ रही है, इसका पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन अमेरिका में नल के पानी में 94.4 फीसदी प्लास्टिक फायबर मिले हैं। जिसमें करीब एक लीटर में 9.6 फायबर पाए गए हैं।
वहीं यूरोपियन देशों का पानी कम प्रदूषित है। यहां के पानी में 72.2 फीसदी फायबर मिला है। वहीं एक लीटर में 72.2 फायबर पाए गए हैं। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के डायरेक्टर के अनुसार प्लास्टिक पॉल्यूशन को रोकने के साथ इसकी उत्पत्ति वाले स्थानों को पहचानकर रोक लगाना बेहद जरूरी है। प्रदूषण के खिलाफ ऑनलाइन अभियान चला रहा है प्लास्टिक डाइट कैंपेन वेबसाइट के मु़ताबिक, इसे रोकने के लिए व्यापार, सरकार और लोगों तीनों को मिलकर काम करना होगा।