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उल्कापिंडों की बौछार से धरती पर आया है सोना, वैज्ञानिकों ने खोले राज

Gold On Earth : लंदन के भूगर्भशास्त्री मथिया विलबोल्ड ने पीली धातु को लेकर कहीं खास बातें चंद्रमा पर मौजूद चट्टानों के लिए गए थे सैंपल, हुआ था ये खुलासा

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Gold On Earth

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नई दिल्ली। भारत किसी वक्त सोने की चिड़िया कहलाता था। यहां सोने (gold) का अपार भंडार था। मगर क्या आपको पता है धरती पर मौजूद ये पीली धातु आई कहां से। जानकारों के मुताबिक ये चट्टानों से निकलती है। जबकि वैज्ञानिकों ने इस मसले पर एक नया दावा पेश किया है। उनके अनुसार धरती पर स्वर्ण उल्कापिंडों (meteorites) के जरिए पहुंचा है।

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इम्पीरियल कॉलेज, लंदन के भूगर्भशास्त्री मथिया विलबोल्ड का कहना है,'सिद्धांत यह है कि धरती के मुख्य हिस्से के गठन के बाद उल्का पिंडों की बौछार हुई जो धरती से टकराए। इन उल्का पिंडों में कुछ मात्रा में सोना था और इसने धरती के बाहरी सतह को सोने से भर दिया।' यह घटना करीब 3.8 अरब साल पहले घटी होगी। यहां मौजूद सोना धरती की संपत्ति नहीं है बल्कि ये उल्कापिंडों के जरिए आए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती (earth) की बाहरी सतह करीब 25 माइल मोटी है। इसमें हर 1000 टन धातुओं में केवल 1.3 ग्राम सोना था।

सन 1970 के दशक में चंद्रमा (moon) पर अपोलो को भेजा गया था। इसमें वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर मौजूद चट्टानों के नमूने लिए थे। इसमें सोने की मात्रा पाई गई। इस पर रिसर्च में पता चला कि धरती और चांद पर अंतरिक्ष से रेडियम युक्त उल्कापिंड गिरे थे। इस बारिश के बाद पीली धातु चांद पर तो वे वैसे ही पड़े रहे, लेकिन धरती की आंतरिक गतिविधियों के कारण वे उसमें समाहित हो गए थे। इसी वजह से ये आज भी चट्टानों और खादानों की खुदाई पर पाए जाते हैं।