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Intel की 8वीं पीढ़ी के प्रोसेसर सितंबर में लांच होंगे

आठवीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेसर पावर्ड डिवाइसें जिसमें आई5/आई7 प्रोसेसर होंगे, वे सितंबर से बाजार में उपलब्ध होंगे।

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सैन फ्रांसिसको। चिप दिग्गज इंटेल की 8वीं पीढ़ी की इंटेल कोर प्रोसेसर और मोबाइल प्रोसेसर की श्रृंखला को सिंतबर में लांच किया जाएगा। कंपनी ने सोमवार को यह घोषणा की और कहा कि इन्हें पतले और हल्के नोटबुक और 2-इन-1 को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। आठवीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेसर पावर्ड डिवाइसें जिसमें आई5/आई7 प्रोसेसर होंगे, वे सितंबर से बाजार में उपलब्ध होंगे।

कंपनी ने बताया कि इन्हें बाधारहित 4के वीडियो स्ट्रीमिंग और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) अनुभव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इंटेल कॉरपोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक (क्लाइंट कंप्यूटिंग समूह) ग्रेगोरी ब्रेयांट ने कहा, नए प्रोसेसरों की क्षमता बेमिसाल है। पीढ़ी दर पीढ़ी के हिसाब से यह 40 फीसदी अधिक तेज है और अगर आप पांच साल पुरानी मशीनों से तुलना करें तो यह 2गुणा2 के बराबर तेज है।

इंटेल की 8वीं पीढ़ी के प्रोसेसेरों से युक्त डिवाइसें फोटो एडिङ्क्षटग और स्लाइड शो के निर्माण में 48 फीसदी अधिक तेज होगी। ब्रेयांट ने कहा, अब वीडियो फुटेज की एडिटिंग 5 साल पुरानी पीसी की तुलना में 14.7 गुणा तेज होगी, जो पहले 45 मिनट का समय लेती थी, अब महज 3 मिनट में ही हो पाएगी।


माइक्रोसॉफ्ट के स्पीच रिकॉगनिशन सिस्टम ने हासिल किया नया मुकाम

माइक्रोसॉफ्ट के कंवर्सनल स्पीच रिकॉनगनिशन सिस्टम जिसे मनुष्यों की तरह ही सामान्य बातचीत को समझने और उसका जवाब हासिल करने के लिए डिजायन किया गया है, उसने शुद्धता में महज 5.1 फीसदी गलतियां करने का नया मुकाम हासिल किया है, जो अब तक का सबसे कम है।

इस मुकाम का मतलब है कि पहली बार एक कंप्यूटर किसी के द्वारा बोले शब्दों को उतनी ही शुद्धता से समझ सकता है, जितना कोई और व्यक्ति। माइक्रोसॉफ्ट ने रविवार देर रात एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, हमारी शोध टीम हमारे स्पीच रिकॉगनिशन सिस्टम के एरर रेट को 5.1 फीसदी तक पहुंचाने में सक्षम रही है, जो उद्योग के लिए नया मील का पत्थर है। यह हमारे द्वारा पिछले साल की गई सटीकता से कही अधिक सटीक है।

पिछले साल अक्टूबर में माइक्रोसॉफ्ट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड रिसर्च के शोध दल ने बताया था कि कंपनी के स्पीच रिकॉगनिशन प्रणाली ने किसी पेशेवर ट्रांसक्रिप्ट की तुलना मेंसमान या कम गलतियां की थीं। उस वक्त शोधकर्ताओं ने गलतियों की दर 5.9 फीसदी होने की सूचना दी थी।

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