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इस बीमारी ने ली स्टीफन हॉकिंग की जान, जानिए ऐसे ही अन्य 10 गंभीर रोगों के बारे में

मोटर न्यूरॉन एक लाइलाज बीमारी है, इसका अभी तक सटीक इलाज नहीं मिल पाया है।

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Priya Singh

Mar 14, 2018

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नई दिल्ली। अपनी रिसर्च से विज्ञान को एक नया आयाम देने वाले 76 वर्ष के मशहूर ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का बुधवार को निधन हो गया। वह एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, जिसका नाम मोटर न्यूरॉन है। इसके तहत उनके शरीर के काफी हिस्से को लकवा मार गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उनका दो साल से ज्यादा बचना नामुमकिन था। मोटर न्यूरॉन एक लाइलाज बीमारी है, इसका अभी तक सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। आज के इस दौर में भी कई ऐसी खतरनाक बीमारियां हैं, जिनका अभी तक इलाज ढूंढ पाना संभव नहीं हो पाया है। आइए जानें ऐसी 10 लाइलाज बीमारियां के बारे में-

क्या है मोटर न्यूरॉन
यह एक घातक बीमारी है। इसमें शरीर की नसें सबसे पहले प्रभावित होती है। बाद में धीरे-धीरे दूसरे अंग भी काम करना बंद कर देते हैं। इससे व्यक्ति का शरीर शिथिल पड़ जाता है। समय बीतने पर रोगी को खाना निगलने, सांस लेने में परेशानी और रीढ़ की हड्ड़ी में दर्द होता है। इस खतरनाक बीमारी के चपेट में आने के बाद केवल 5 प्रतिशत लोग ही जीवित बच पाते हैं। यह रोग उन लोगों को होने की ज्यादा संभावना रहती है जो फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया नामक दिमागी बीमारी से पीड़ित होते हैं। इस रोग का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिला है। इसलिए अभी इस बीमारी का इलाज नर्वस सिस्टम के जरिए किया जाता हैं। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होती है।

स्टोन मैन रोग
यह एक हड्डी रोग होता है। इस बीमारी में व्यक्ति की हड्डी टूटने पर वो सही जगह जुड़ नहीं पाती। कभी-कभी इसमें हड्डी दूसरी जगह जुड़ जाती है। जिससे काफी दर्द होता है। यह रोग अनुवांशिक और बहुत दुर्लभ होता है। यह बीमारी एक हजार में एक व्यक्ति को होती है। कभी-कभी इस बीमारी की वजह मांसपेशियों का जुड़ा हुआ होना भी होता है। कुछ समय पहले तक यह भी एक लाइलाज बीमारी थी। हालांकि साल 2015 में वैज्ञानिकों ने इस पर एक शोध करके एक दवाई बनाने की कोशिश की है। जिसका पहला परीक्षण सफल भी हुआ है।

एक्सरोडरमा पिग्मेंटोसम
यह भी एक घातक बीमारी है। इसमें व्यक्ति को धूप से एलर्जी होती है। ऐसी बीमारी में रोगी को तेज धूप से एलर्जी हो जाती है। उससे त्वचा में खुजली, जलन और छाले हो जाते हैं। समस्या ज्यादा बढ़ने पर यह त्वचा रोग का भी कारण बन सकता है। इस बीमारी में व्यक्ति को विटामिन डी भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है।

न्यूरोलॉजिकल रोग
यह बीमारी दो तरह से हो सकती है। पहले में व्यक्ति के शरीर का कोई भी अंग सामान्य आकार में नही होता है। ये या तो बडे़ होते हैं या छोटे। वहीं दूसरे प्रकार में इस रोग से व्यक्ति को ट्यूमर हो जाता है। स्थिति गंभीर होने पर रोगी की जान भी जा सकती है। यह एक तरह की संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी में रक्त कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं और आंख, नाक और मलाशय में रक्त का अधिक प्रवाह होने लगता है।

चगास रोग
यह एक अजीब तरह की बीमारी होती है। इसमें रोगी सोते समय किसिंग बग का शिकार हो जाता है। इससे उसके मुंह के पास परजीवी घाव बना देते हैं यह बीमारी व्यक्ति की नर्व सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इससे शरीर में खून का संचार सही से नहीं हो पाता। लोगों को इसमें घबराहट होती है। इससे दिल की बीमारी भी हो जाती है।

पोलियो
पोलियो एक खतरनाक बीमारी है। इसमें व्यक्ति के अंग प्रभावित होते हैं। जिससे व्यक्ति् ठीक से चल नहीं पाता, न ही सही से बोल पाता एवं कार्य कर पाता है। इस रोग को पॉलिओमिलिटस के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 5 साल तक के बच्चों को होती है। यह एक अनुवांशिक बीमारी है। इसका पूरी तरह से सफल इलाज नही है। हालांकि पिछले कुछ सालों ने सरकार ने पोलियो-मुक्त देश का अभियान चलाया है जिसमें बच्चों को पोलियो की दवा की खुराक पिलाई जाती है।

एड्स
एड्स भी एक लाइलाज बीमारी है। यह शरीर में एचआईवी वायरस के फैलने से होता है। यह बीमारी व्यक्ति को दूषित खून चढाए जाने, बिना सुरक्षा के सेक्स करने, मां से बच्चे को एवं संक्रामित सुई से इंजेक्शन लेने पर होता है। इसके लक्षण 2-4 सप्ताह में दिखता है। इसमें रोगी को सिर दर्द, मांसपेशियों में खिचाव और रोगों से लडने की क्षमता कम होती है।

एपीडरमोडिस्प्लासिया वेरूसिफार्मिस
यह एक काफी अजीब लाइलाज बीमारी है। इसमें रोगी का शरीर किसी पेड़ की तरह हो जाता है। जिसके चलते व्यक्ति के शरीर पर छोटे-छोटे पौधानुमा मस्से निकल आते हैं। ये मस्से ज्यादातर हाथ और पैरों की अंगुलियों में निकलते हैं। बाद में यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में निकल आते है। इससे शरीर विकत दिखने लगता है। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो कि 10 लाख लोगों में से एक व्यक्ति को होती है।

कार्प्स सिंड्रोम
इस खतरनाक बीमारी में व्यक्ति का कोई भी अंग सही से काम नहीं करता है। उन्हें दिमागी बीमारी भी हो जाती है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो जाता है। उन्हें चीजें जल्दी समझ नहीं आती। कई बार रोगी को बोलने में भी परेशानी होती है। डॉक्टर्स अभी तक इसका इलाज पूरी तरह से खोज नहीं पाए हैं।