
चांद की उत्पत्ति 4.5 अरब वर्ष पहले हुई।
जयपुर. चंद्रयान-3 (Chandrayan-3) के साथ ही पूरी दुनिया की नजरें चांद पर टिकी हैं। चांद न केवल हमारी परंपराओं में रचा बसा है, बल्कि इसकी भौगोलिक संरचना भी हमेशा ही कौतूहल पैदा करती है। सोवियत रूस, अमरीका और चीन अपने मिशन यहां भेज चुके हैं, लेकिन चांद का दक्षिणी ध्रुव अब तक अनछुआ रहा है। रूस का लूना-25 (Luna-25) मिशन फेल होने के बाद अब चंद्रयान-3 से ही उम्मीदें हैं। पुरानी थ्योरी के मुताबिक चंद्रमा की उत्पत्ति 4.5 अरब वर्ष पहले मंगल ग्रह के आकार का कोइ पिंड पृथ्वी से टकराया था, जिसके बाद चंद्रमा का निर्माण हुआ। चंद्रमा चट्टान का एक धूल भरा गोला है, जिसका व्यास 3476 किमी है, जो पृथ्वी के आकार का लगभग एक चौथाई है। चांद के बारे में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनके बारे में आपने पहले शायद ही सुना हो।
कितना पुराना
-चंद्रमा, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जिसका निर्माण 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ था। चंद्रमा एक छोटा धात्विक कोर है, जो संभवत: लोहे और निकल से बना है और चट्टानी आवरण से घिरा है। इसकी सतह पर पहाड़, विशाल गड्ढे और समतल है, जो कठोर लावे से बना है।
हमसे कितना दूर
पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी लगभग 3,84400 किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है। अधिकतम दूरी 405696 किमी जबकि न्यूनतम दूरी 363105 किमी है।
वायुमंडल नहीं है
चंद्रमा का कोई वायुमंडल नहीं है और काफी कम गुरुत्वाकर्षण है। इसका अर्थ है यहां हवा या पानी नहीं है।
धरती से कभी नहीं दिखता एक हिस्सा
-चंद्रमा का एक अंधेरा हिस्सा पृथ्वी से कभी दिखाई नहीं देता, क्योंकि चंद्रमा अपनी धुरी पर उसी गति से घूमता है, जिस गति से वह पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
चांद पर कितने घंटे का दिन
पृथ्वी के 29.53 दिनों के बराबर चंद्रमा का एक दिन होता है। घंटों में गणना की जाए तो चंद्रमा पर 708.7 घंटों का एक दिन होता है।
तापमान कैसा है
नासा के लूनर रिकॉन्सिस ऑर्बिटर से मिले आंकड़ों के मुताबिक चांद की भूमध्य रेखा के पास दिन का तापमान 120 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जबकि रात का तापमान माइनस 130 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। ध्रुवीय स्थान और भी ठंडे हैं। दक्षिण ध्रुव पर न्यूनतम तापमान माइनस 230 डिग्री तक पहुंच जाता है।
गन पाउडर जैसी गंध
1972 में अमरीका के अपोलो चंद्र मिशन पर गए जीन सर्नेन के मुताबिक चंद्रमा की डस्ट की गंध गनपाउडर जैसी है, जैसे अभी अभी किसी ने कार्बाइन दागी हो।
पहली बार इंसान कब गया चांद पर
20 जुलाई 1969 को अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रान्ग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान थ। ये अपोलो 11 मिशन में गए थे। इनके साथ बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स भी थे। इसके बाद 1972 में अपोलो 17 आखिरी मानव मिशन था। सबसे हालिया 2020 में गया चीन का रोबोटिक मिशन चांग था, जो चांद से नमूने लेकर धरती पर लौटा। सोवियत संघ ने 1968 में पहला मून मिशन भेजा था।
Published on:
23 Aug 2023 04:04 pm
बड़ी खबरें
View Allविज्ञान और टेक्नोलॉजी
ट्रेंडिंग
