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दो हफ्ते के लिए पृथ्वी की आखों से ओझल होगा मंगल

जय विज्ञान : 11 नवंबर से शुरू होगा संचार ब्लैकआउट, नासा बंद करेगा कुछ उपकरण

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दो हफ्ते के लिए पृथ्वी की आखों से ओझल होगा मंगल

दो हफ्ते के लिए पृथ्वी की आखों से ओझल होगा मंगल

वॉशिंगटन. ब्रह्मांड के एक हिस्से में 11 नवंबर से दो हफ्ते के लिए संचार ब्लैकआउट होने वाला है। इस दौरान पृथ्वी से मंगल ग्रह नजर नहीं आएगा। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का रोवर पर्सिवरेंस दो दशक से मंगल ग्रह पर है। संचार ब्लैकआउट के दौरान नासा इससे जुड़े कुछ उपकरणों को बंद करने की तैयारी कर रहा है।

नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक हर दो साल में संचार ब्लैकआउट होता है। इस खगोलीय घटना को सौर संयोजन कहा जाता है। सौर संयोजन की अवधि के दौरान सूर्य के चारों ओर अपनी-अपनी कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और मंगल एक-दूसरे के लिए अदृश्य हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस साल सौर संयोजन 11 से 25 नवंबर तक है। इस दौरान पर्सिवरेंस रोवर के साथ संचार सीमित हो जाएगा। नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में मिशन पर काम करने वालों ने इससे निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियां ईजाद की हैं। कुछ उपकरण बंद कर दिए जाते हैं।

कोई नया निर्देश नहीं भेजा जाएगा नासा से

पर्सिवरेंस रोवर से नासा को लगातार डेटा मिल रहा है। सौर संयोजन के दौरान डेटा गायब होने की आशंका रहती है। इसलिए नासा की ओर से इस दौरान मंगल पर कोई नया निर्देश नहीं भेजा जाएगा। ऐसा करने पर सूर्य रोवर के लिए खतरा पैदा कर सकता है। मिशन टीमें सुनिश्चित करेंगी कि पर्सिवरेंस रोवर को सभी जरूरी निर्देश सौर संयोजन से पहले भेज दिए जाएं। विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल पर शोध कर रही हैं।

वैज्ञानिक खतरा उठाने को तैयार नहीं

हालांकि ऑटोपायलट प्रौद्योगिकी से किसी ग्रह पर अंतरिक्ष यान को स्वतंत्र रूप से संचालित करने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है, फिर भी सौर संयोजन के दौरान वैज्ञानिक किसी तरह का खतरा उठाने को तैयार नहीं हैं। हाल ही चीन ने तियानवेन अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजा है। मंगल पर यान पहुंचाने वालों में अमरीका के साथ भारत, रूस और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी शामिल हैं।