NASA's Dragonfly Project: नासा शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर प्रोजेक्ट भेजने की तैयारी में है जिसका नाम ड्रैगनफ्लाई होगा। पर क्या है नासा के टाइटन पर ड्रैगनफ्लाई भेजने की वजह? आइए जानते हैं।
अमेरिका (United Space Of America) की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी है। स्पेस रिसर्च के लिए नासा समय-समय पर अलग-अलग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करता रहता है। नासा अलग-अलग ग्रहों पर भी स्पेस प्रोजेक्ट्स लॉन्च करता रहता है। नासा आने वाले समय में भी अलग-अलग स्पेस प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने की तैयारी में है। इन्हीं में से एक है नासा का ड्रैगनफ्लाई (Dragonfly) प्रोजेक्ट।
क्या है ड्रैगनफ्लाई प्रोजेक्ट?
नासा का ड्रैगनफ्लाई प्रोजेक्ट शनि (Saturn) ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन (Titan) पर भेजने के लिए तैयार किया गया स्पेस प्रोजेक्ट है। यह एक परमाणु-संचालित स्पेसक्राफ्ट लैंडर है जो ड्रैगनफ्लाई की तरह दिखता है। नासा इसकी टेस्टिंग कर रहा है और इसे जून 2027 में टाइटन पर भेजेगा। इसे टाइटन पर पहुंचने में 2023 तक का समय लगेगा।
क्यों भेजा जा रहा ड्रैगनफ्लाई को टाइटन पर?
टाइटन की सतह के नीचे पानी है और किसी भी ग्रह या चंद्रमा पर जीवन के लिए पानी एक आवश्यक तत्व है। ऐसे में ड्रैगनफ्लाई टाइटन पर वर्तमान में जीवन की संभावनाओं या अतीत में टाइटन पर जीवन था या नहीं, इस बारे में रिसर्च करेगा। साथ ही ड्रैगनफ्लाई टाइटन के प्रीबायोटिक रसायन विज्ञान को भी समझने पर काम करेगा। प्रीबायोटिक रसायन ऐसी रासायनिक प्रोसेस है, जो जीवन को जन्म दे सकती है। इस रिसर्च के लिए टाइटन बेहतरीन जगह है क्योंकि टाइटन पर वातावरण घना और कार्बनिक अणुओं से समृद्ध है।
खास है ड्रैगनफ्लाई मिशन
ड्रैगनफ्लाई धरती के अलावा किसी दूसरे ग्रह के चंद्रमा की रिसर्च करने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाला पहला मिशन होगा। टाइटन का वातावरण घना है और ऐसे में ड्रैगनफ्लाई अपने संपूर्ण वैज्ञानिक पेलोड के साथ स्पेस में जाने वाला पहला रोवरक्राफ्ट भी होगा।
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