
Swan Comet
नई दिल्ली। कोरोना (Coronavirus) काल के दौरान खगोलीय घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। धूमकेतुओं की बरसात और सुपरमून (Supermoon) के दिखने के बाद अब 13 मई को दोबारा आकाशगंगा में हलचल देखने को मिल सकती है। इस दिनपृथ्वी के पास से स्वान पुच्छल तारा (Comet SWAN )गुजरेगा। यह काफी चमकीला दिखाई होगा। इससे हरे रंग का प्रकाश निकलता हुआ दिखाई देगा, हालांकि इसकी पूंछ नीले रंग की होगी।
स्वान पुच्छल तारा धरती (Earth) से करीब 7.5 करोड़ मील दूरी से होकर गुजरेगा। यह उन पुच्छल तारों में से एक होगा जिन्हें नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा। 13 मई को यह पृथ्वी से बहुत साफ दिखाई देगा। यह तारा दक्षिणी गोलार्ध में ज्यादा स्पष्ट दिखेगा। जबकि उत्तरी गोलार्ध में यह इस महीने के अंत में दिखाई दे सकता है। स्वान को सोलर हेलियोस्फेरिक ऑबजर्वर (SOHO) अंतरिक्ष यान के सोलर विंड एनिसोट्रोपिस (SWAN) नाम के कैमरा से ली गईं तस्वीरों से खोजा गया था। यह खोज इसी साल मार्च 25 को हुई थी।
क्या होता है पुच्छल तारा?
पुच्छल तारे भी क्षुद्रग्रह की तरह होते हैं, जो सूर्य के चक्कर लगाते हैं। इनकी भी एक कक्षा होती है। पुच्छल तारे गैस, धूल और बर्फ से मिलकर बनते हैं। इनकी पूंछ होती है जो हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में होती है।
Published on:
09 May 2020 04:31 pm
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