
इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल में बैटरी के खतरों को दूर करेगी वैज्ञानिकों की यह खोज
वॉशिंगटन. अमरीका में मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम से ज्यादा सुरक्षित बैटरी बना रहे हैं।
पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कई देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ गया, लेकिन कुछ मामलों में लिथियम बैटरी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अब अमरीका में मैरीलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लिथियम बैटरियों से होने वाले नुकसान को रोकने का तरीका ढंूढा है, जिस पर 2026 तक काम पूरा हो जाएगा। शोधकर्ताओं ने सुरक्षित और ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट (ऊर्जा कुशल) वाहनों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे आग के खतरों को न्यूनतम किया जा सके। मौजूदा बैटरियों में सबसे बड़ी चिंता यही है।
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध पत्र के मुताबिक नई पद्धति, लिथियम डेंड्राइट्स की ग्रोथ को रोकती है। डेंड्राइट धात्विक वृद्धि का तंत्रिका जैसा नेटवर्क है, जो चार्जिंग के दौरान बैटरी की सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौती है। क्योंकि डेंड्राइट ग्रोथ से शॉर्ट सर्किट होने पर बैटरी में आग लगने का खतरा रहता है। केमिकल और बायोमोलेक्यूलर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर चुनशेंंग वांग के नेतृत्व में बैटरी इंटरलेयर का नया डिजाइन डेंड्राइट को बढऩे रोकता है।
अभी क्या हैं चुनौतियां
अमरीका में अभी कम से कम साढ़े सात लाख इलेक्ट्र्रिक वाहन बैटरी पर चलते हैं, जो ऊर्जा स्टोरेज क्षमता के कारण लोकप्रिय हैं, लेकिन इसमें एक ज्वलनशील तरल इलेक्ट्रोलाइट घटक होता है, जो अधिक गर्म होने पर जल सकता है। हालांकि सरकारी एजेंसियां आमतौर पर कार में आग लगने की घटनाओं की पुष्टि नहीं करती, लेकिन ये जोखिम जरूर रहता है।
सॉलिड स्टेट बैटरी क्या है
जिस सॉलिड स्टेट बैटरी को शोधकर्ता विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं, उसमें लिथियम आयन बैटरी की तुलना में ज्यादा ऊर्जा घनत्व होता है। इसमें आग का खतरा नहीं होता है। वांग ने कहा, ऑल सॉलिड स्टेट बैटरियों से ऐसी कारें बन सकती हैं, जो मौजूदा इलेक्ट्रिक कार की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं। चार्जिंग के वक्त लिथियम डेंड्राइट कैथोड की ओर बढ़ते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट की आशंका में कमी आती है।
भविष्य में इन बैटरियों के विकल्प
गै्रफीन बैटरी, फ्लोराइड बैटरी, सैंड बैटरी, अमोनिया संचालित , लिथियम सल्फर बैटरी भविष्य में सॉलिड स्टेट बैटरियों के विकल्प के रूप में देखे जा सकते हैं।
Published on:
31 Oct 2023 11:54 pm
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