17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) बनाने के तीस साल बाद निराश हुए टिम बर्नर्स, गिनाए खतरे

टिम ने ब्लॉग लिखकर भी जता चुके हैं चिंता इंटरनेट के खतरों के बारे में ओपन लैटर भी लिखा

2 min read
Google source verification
tim www

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के वेब ब्राउजर्स को प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाले सिस्टम www यानी वर्ल्ड वाइड वेब ( world wide web ) को अस्तित्व में आए 30 साल हो चुके हैं। इस सिस्टम को वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ( Tim Berners – Lee ) और रॉबर्ट कैइलिआयू ( Robert Cailliau ) ने सन 1989 में बनाया था। इसके अस्तित्व में आते ही इंटरनेट ने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया।

इतने साल बीत जाने के बाद टिम अपने ही विकसित किए हुए सिस्टम से निराश हो गए हैं। उन्होंने इसके भविष्य के बारे में ब्लॉग लिखकर कहा था- आज हम हथियारबंद इंटरनेट तैयार कर रहे हैं। इंटरनेट किसी हथियारबंद व्यक्ति की तरह खतरनाक हो गया है। उन्होंने माना कि आधी दुनिया इंटरनेट से जुड़ी हुई है, लेकिन आधी दुनिया अब इससे जुड़ना ही नहीं चाहती। इसे कैसे जोड़ा जाए, यह बड़ा सवाल है।

गिनाए खतरे

टिम इंटरनेट के खतरों से परेशान हैं। इस संबंध में उन्होंने ओपन लैटर भी लिखा है, जिसमें उन्होंने इस संबंध में चिंता जताई है। इंटरनेट के गलत यूज और डेटा चोरी के बारे में टिम का कहना है कि इसे आप डायनामाइट ( Dynamite ) की तरह ले सकते हैं। अलफ्रेड नोबेल ने इसकी खोज माइनिंग के लिए की थी। जबकि डायनामाइट का बड़े स्तर पर गलत इस्तेमाल हो रहा है। ठीक वैसे ही वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) यानी इंटरनेट के संबंध में हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कैंब्रिज अनालिटिका स्कैंडल के बाद लोगों यह यह पता चल गया है कि उनका डेटा किस तरह से मैन्युप्लेट किया जा सकता है। हालांकि इस ओपन लैटर में उन्होंने यह भी माना है कि हैकिंग, डेटा ब्रीच और गलत जानकारियों से लड़ा जा सकता है। इन्हें ठीक किया जा सकता है।

लैटर में उन्होंने लिखा है कि- हाल के दिनों में यूजर्स के लिए इंटरनेट का अनुभव अच्छा नहीं रहा। डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेग्जिट इलेक्शन्स के बाद लोग हौरान हैं। उन्हें लग रहा है कि जिस वेब जिन्हें वो अच्छा समझ रहे थे, वो मानवता की अच्छे ढंग से सेवा नहीं कर रहा है। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि अभी भी इसे ठीक करने में ज्यादा देर नहीं हुई है। इसे मानवता के लिए और बेहतर बनाने के लिए काम करना होगा।

विज्ञापन आधारित रेवेन्यू मॉडल अच्छा नहीं

टिम बर्नर्स ली ने स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकिंग और अटैक्स, क्रिमिनल बिहेवियर और ऑनलाइन हैरेसमेंट को वेब को प्रभावित करने वाले सोर्स बताया है। इसके साथ ही उन्होंने विज्ञापन पर आधारित रेवेन्यू मॉडल को भी अच्छा नहीं माना है।

ऐसे हुई शुरुआत

टिम ने 12 मार्च 1989 को WWW को इनफॉर्मेशन मैनेजमेंट के नाम से सबमिट किया था। उन्होंने ही इसके लिए पहली वेबसाइट भी डिजाइन की थी। 20 दिसंबर 1990 को NeXT कंप्यूटर पर इस वेबसाइट को लाइव किया गया था। टिम का जन्म 8 जून, 1955 को हुआ था। सन1976 में उन्होने भौतिक शास्त्र में डिग्री प्राप्त की। साल 2004 में ब्रिटेन की महारानी की ओर से उन्हें नाईटहुड की उपाधि से नवाजा गया।