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30 जून: वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे- ‘तुंगुस्का घटना’ की याद में मनाते हैं यह खास दिन

इतिहास: रूस की तुंगुस्का नदी के पास 30 जून, 1908 को क्षुद्रग्रह के टकराने से 5 लाख एकड़ क्षेत्र प्रभावित हुआ। देवदार के 100 वर्ग किमी के जंगल नष्ट हो गए थे।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Jun 29, 2021

30 जून: वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे- 'तुंगुस्का घटना' की याद में मनाते हैं यह खास दिन

30 जून: वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे- 'तुंगुस्का घटना' की याद में मनाते हैं यह खास दिन

क्या होते हैं क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह पथरीली धातु या चट्टान के छोटे टुकड़े होते हैं जो आकार में कुछ मीटर से लेकर किलोमीटर तक हो सकते हैं। ज्यादातर पृथ्वी से नहीं देखे जा सकते। एक अनुमान के मुताबिक सौरमंडल में एक लाख से अधिक क्षुद्रग्रह मौजूद हैं।

सबसे मशहूर क्षुद्रग्रह
सबसे प्रसिद्ध क्षुद्रग्रह '1 सेरेस' है जिसका व्यास 952 किमी से भी ज्यादा है। इसके अलावा, '2 पलास' (544 किमी व्यास) और '4 वेस्टा' (580 किमी) व्यास का क्षुद्रग्रह है। खगोलविदों ने इन्हें 1800 के दशक में खोजा था।

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत
वाशिंगटन विश्वविद्यालय (Washington University) के वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर मौजूद अथाह पानी भी एक दुर्लभ उल्कापिंड 'एनस्टैटाइट चोंडराईट' से आया है। इन उल्कापिंडों में महासागरों के जल भण्डार से भी तीन गुना अधिक पानी देने जितनी पर्याप्त हाइड्रोजन मौजूद थी। हर साल 6100 से ज्यादा क्षुद्रग्रह गिरते हैं। इनमें से केवल 500 ही पृथ्वी की सतह तक पहुंचते हैं, जिनमें से केवल 10 की ही पहचान हो पाती है।