
क्या होता है दूरसंचार विभाग, जानें कैसे करता है ये काम
नई दिल्ली: वैसे तो सभी देशों में कई विभाग होते हैं, जिनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय जैसे कई विभाग शामिल होते हैं। ये सभी विभाग सरकार के अधीन होते हैं, लेकिन इन्हीं में एक विभाग होता है दूरसंचार विभाग जो कि कई मायनों में देश और वहां की जनता के लिए बेहद जरूरी होता है। भारत में भी ये विभाग है जो कि अपने कार्यों में जुटा हुआ है। दूरसंचार सेवाओं की तेजी से वृद्धि के लिए विकास संबंधी नीतियां बनाने पर काम कर रहा है। आइए अब आपको बताते हैं कि ये विभाग काम कैसे करता है।
कुछ ऐसे करता है ये काम
यूनीफाईड एक्सेस सर्विस इंटरनेट और वीसेट सर्विस जैसी विभिन्न दूरसंचार सेवाओं को लाइसेंस प्रदान करने की जिम्मेदारी इसी विभाग की है। अंतरराष्ट्रीय निकायों से घनिष्ठ स्थापित कर रेडियो संचार के क्षेत्र में फ्रीक्वेंसी प्रबंधन की जिम्मेदारी, अवैध कार्यकलापों को रोकना, दूरसंचार नेटवर्कों के अवैध कार्यों और अवैध प्रचालन पर नियंत्रण करना भी इसी विभाग की जिम्मेदारी हैं। इसके अलावा मोबाइन नंबर पोर्टबिलिटी से जुड़े मुद्दे सुलझाना, ये पता लगाने के उद्देश्य के साथ कि क्या मोबाइल सेवा प्रचालक कनेक्शन उपलब्ध कराने से पहले उपभोक्ता सत्यापन के लिए दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं, वैश्विक कॉलिंग कार्ड, अंतराष्ट्रीय सिमों आदि को बेचने के लिए अनापत्ति संबंधी मामले देखना, लाइसेंसदाता द्वारा जारी लाइसेंस शर्तों और जनहित में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के संबंध में लाइसेंसधारक द्वारा सेवा अनुपालन की जांच करना जैसे कई जरूरी जिम्मेदारियां इसी विभाग के कंधों पर हैं।
इस विभाग की कोशिश है कि दूर-दराज गांवों तक टेलीफोन को पहुंचाना और वो भी सस्ती दरों पर। भारत में टेलीफोन घनत्व वर्ल्ड के प्रति 100 व्यक्तियों पर 10 की औसत की तुलना में प्रति व्यक्तियों पर लगभग 0.8 है। सीएमएम और आईएमएस का प्रचालन और रख-रखाव संबंधी कार्य भी दूरसंचार विभाग ही करता है। अवैध कार्यकलापों, अवैध प्रचालन, दूरसंचार नेटवर्कों के अवैध कार्यों पर लगाम भी यही विभाग लगाता है। साथ ही प्राकृतिक आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना, दूरसंचार नेटवर्कों के अनुमति क्षेत्र के अंदर ये पता लगाना कि लाइसेंसधारक समय के अनुकूल सेवाएं प्रदान कर भी रहे हैं या नहीं जैसी चीजों पर पैनी नजर रखना भी दूरसंचार विभाग का काम है।
Published on:
26 May 2019 05:03 pm
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