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सैटेलाइट या एस्ट्रोनॉट्स के स्पेस सूट में क्यों चढ़ाते हैं सोने की परत, वैज्ञानिकों ने खोले राज

Gold Pated Cover On Satellites : रेडिएशन से बचाने और तामपान को नियंत्रित रखने के लिए सोने की परत चढ़ाई जानी है जरूरी अंतरिक्ष पर कोई तापमान नहीं होता है, वहां महज रेडिएशन निकलती हैं

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Gold Pated Cover On Satellites

नई दिल्ली। ब्रहमांड (Mystery Of Universe) के रहस्यों का पता लगाने के लिए अक्सर वैज्ञानिक सैटेलाइट्स भेजते रहते हैं। हालांकि कोरोना काल के चलते कई प्रोजेक्ट्स पर ब्रेक लग गया है। मगर क्या कभी आपने ध्यान दिया कि सैटेलाइट्स (Satellites) में सोने की परत वाली शीट (Gold Plated Sheet) क्यों लगी रहती है। आज हम आपको इसी सिलसिले से जुड़ी कुछ खास बातें बताएंगे।

रेडिएशन से बचाने के आता है काम
सैटेलाइट को अंतरिक्ष में होने वाले बेहद खतरनाक रेडिएशन (Radiation) से बचाने के लिए सोने की परत वाली एक परत चढ़ाई जाती है। स्पेस का अपना कोई तापमान नहीं होता है। ये न तो ठंड होती है और न ही गर्मी। यहां मौजूद ग्रहों, स्टेरॉइ़ड और सैटेलाइट से मिलकर एक अलग टेम्परेचर मेनटेन होता है। इसी वजह से स्पेस में हर वक्त खतरनाक रेडिएशन निकलती रहती है। इससे बचने के लिए सैटेलाइट पर सोने की परत चढ़ाई जाती है।

इंसुलेटर की तरह करती है काम
सोने की इस परत को मल्टी लेयर इंसुलेशन भी कहते हैं। ये ढेर सारी पतली-पतली परतों से बनी होती है। ये बाहरी एनर्जी को अंदर आने से रोकती है। इससे स्पेस क्राफ्ट किसी थर्मल रेडिएशन से सुरक्षित रहता है। चूंकि रेडिएशन से स्पेस का तापमान -200 फैरनहाइट से लेकर +300 डिग्री फैरनहाइट तक हो जाता है। ऐसे में सैटेलाइट के तुरंत ही नष्ट हो जाने का डर रहता है। इन सबसे बचाने के लिए सैटेलाइन में लगी सोने की परत मदद करती है।

धूल से बचाने में भी मददगार
सोने की ये कोटिंग सैटेलाइट को धूल से बचाती में भी मदद करती है। इससे थर्मल उपरणों पर किसी तरह की जंग नहीं लगती और वो ठीक तरह से काम करते हैं। सैटेलाइट में असली सोने का भी थोड़ा प्रयोग किया जाता है। इससे कुछ नाजुक हिस्सों में वाष्पीकृत की हुई असली सोने की कोटिंग रहती है जो अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण होने वाले नुकसान से बचाती है।

स्पेस सूट में यूज होता है असली सोना
अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) के स्पेस सूट में भी असली सोने का इस्तेमाल होता है। ये सोना स्पेस सूट (Space Suit) में आंखों वाले हिस्से जिसे वाइज़र कहते हैं, पर चढ़ाई जाती है। इससे एस्ट्रोनॉट की आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

सोने की परत को पॉलिमाइड कहते हैं
सोने की तरह दिखने वाली ये परतें सोने की नहीं होती हैं, बल्कि ये एक तरह का प्लास्टिक होती हैं, जिसे (polyimide) कहते है। इसे कई परतों को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसी मल्टी लेयर इंसुलेशन को आम बोलचाल में गोल्ड प्लेटिंग कहा जाता है। हालांकि सैटेलाइट के कुछ अंदरूनी हिस्सों और अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस सूट में आंखों के नीचे के भाग में असली सोने का भी इस्तेमाल किया जाता है।