
पिता की मदद से युवक ने किया नाबालिक का अपहरण! फिर 18 दिन तक करता रहा ये...
सीहोर। नाबालिक छात्रा को जबरन शादी के लिए विवश करने व उसके दैहिक शोषण के आरोप में सीहोर अदालत ने एक युवक को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी युवक ने उसका अपहरण जहर खाने और माता पिता को चिठ्ठी लिखकर बदनाम करने की धमकी देकर किया था।
जिसके बाद इस 16 वर्षीय छात्रा को जबरन शादी करने के लिए विवश करने व 18 दिन तक दैहिक शोषण करने वाले युवक को कोर्ट ने सात साल के कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड और बेटे की मदद करने वाले पिता को पांच साल की सजा और 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने सुनाया।
जिला अभियोजन अधिकारी निर्मला सिंह चौधरी ने पैरवी करते हुए बताया कि 3 दिसम्बर 2016 को गंज निवासी एक पिता ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी बेटी 2 दिसंबर को रोजाना की तरह सुबह 11 बजे अपनी सहेली के साथ स्कूल गई थी।
इसके बाद वापस नहीं लौटी, जिस पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रकरण कायम किया था। पुलिस की जांच उपरांत नाबालिग छात्रा को भोपाल नाका मुरली रोड फाटक निवासी अमन (21)पिता रघुवीर सिंह राठौर के घर से 19 दिसंबर को बरामद किया गया था।
इस समय पीडि़ता ने पुलिस को बयान दिया कि अमन राठौर नाम का लड़का मोहल्ले में आता जाता था उससे उसकी पहचान हो गई थी, जब वो स्कूल से आती जाती थी तो रास्ते में उससे बात करते हुए शादी करने के लिए कहता था। 2 दिसंबर को जब वह स्कूल जा रही थी, तभी चौराहे पर अमन ने उसे साथ चलने का कहते हुए कहा था कि मेरे साथ चल मैं तेरे साथ शादी करुंगा और अगर नहीं चली तो जहर खाकर मर जाऊंगा, तेरे माता पिता के खिलाफ चिठ्ठी लिखकर छोड़ दूंगा।
मुझे डरा धमका कर अपहरण करके भोपाल स्थित अपने घर ले गया और मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ बलात्कार किया, उसके पिता ने भी जबरन अमन के साथ शादी करने के लिए विवश किया।
18 दिन तक करता रहा ये सब...
पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि अमन राठौर ने 18 दिन तक मुझे घर पर रखा और मेरी मर्जी के बिना शारीरिक सम्बंध बनाए। विशेष न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अमन राठौर और उसके पिता रघुवीर सिंह राठौर पर आरोप दोष सिद्ध पाया।
न्यायाधीश ने आरोपी अमन राठौर को भादवि की धारा 363 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड, भादवि की धारा 366 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड , भादवि की धारा 366 ए में सात वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड , धारा 3/4 पॉस्को एक्ट में सात वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंउित किया।
इसी प्रकार उसके पिता रघुवीर राठौर पिता खुमानसिंह राठौर को भादवि की धारा 366 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड , भादवि की धारा 366 ए में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड , भादवि की धारा 368 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
Published on:
27 Jun 2018 12:51 pm
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