
Crops of 135 farmers of 20 villages destroyed in mp(फोटो सोर्स : क्रिएटिव)
MP News: सीजन में पहली बार किसी अमानक कीटनाशक दवा बेचने को लेकर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। सीहोर जिले के आष्टा में कन्नौद रोड स्थित अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स ने किसानों को अमानक फफूंदनाशक दवा बेच दी, जिससे करीब 135 किसानों की 1500 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। इस घटना से किसान सदमे में आ गए। किसानों के शिकायत करने पर जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस ने कीटनाशक विक्रेता अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स के प्रोपराइटर और दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है, वहीं कृषि विभाग ने अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। तहसीलदार ने लाइसेंस निरस्त होते ही दुकान सील कर दी है। पुलिस ने दवा विक्रेता और निर्माता के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज किया है, वह काफी गंभीर हैं, इनमें सजा तक का प्रावधान हैं।य
जानकारी के अनुसार खेमपुर गुलरिया, अरोलिया, परोलिया आदि 20 गांवों के किसानों ने अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स से 709 नामक फफूंदनाशक दवा खरीदी। दवा को सोयाबीन बीज के साथ मिलाकर खेतों में बोवनी की थी, अमानक दवा से सोयाबीन की करीब 1500 एकड़ फसल खराब(Farmers Crop Destroy) हो गई। किसानों ने इसकी शिकायत आष्टा तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार मुकेश सांवले से की। जिसकी जांच कराई तो पता चला कि अंबिका ट्रेडर्स के प्रोपराइटर ने किसानों को जो फफूंदनाशक दवा बेची है, उसे नागपुर की यूनिवर्सल एग्रो केमिकल इंडस्ट्रीज ने बनाया है।
कृषि विभाग की टीम ने फफूंदनाशक दवा सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया है। इधर, इस विषय को लेकर डीडीए एके उपाध्याय ने दवा निर्माण कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब तलब किया। लेकिन कंपनी ने समय सीमा में जवाब नहीं दिया, जिसे लेकर आष्टा विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बीएस मेवाड़ा की रिपोर्ट पर पुलिस ने दवा निर्माता कंपनी के प्रबंधक निदेशक सुष्मिता राय, सहायक प्रबंधक गोवर्धन धोने और विक्रेता अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स के प्रोपराइटर मुकेश पाटीदार के खिलाफ धारा 118 (4) बीएनएस, 29 कीटनाशी अधिनियम व 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में प्रकरण एफआइआर दर्ज कर जांच शुरु की है।
अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स दुकान से खरीदे खराब बीजोपचार दवा से जिन किसानों की फसल खराब हुई, वह सोमवार से आष्टा तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए थे। किसान पूरी रात और मंगलवार दोपहर तक धरने पर बैठे रहे। किसानों ने बताया कि नुकसान की भरपाई कराई जाए और दुकानदार पर सख्त कार्रवाई की जाए। किसानों के आक्रोश को देखते हुए कृषि विभाग ने अंबिका पाटीदार ट्रेडर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया और फिर तहसीलदार राम पगारे ने दुकान को सील कर दिया।
पिछले दिनों लाड़कुई में इसी तरह से एक दुकानदार ने किसानों को सोयाबीन का अमानक बीज थमा दिया था। जिसे किसानों ने बोया तो अंकुरण ही नहीं हो सका था। किसानों ने भैरुंदा पहुंचकर एसडीएम को इसकी शिकायत की थी। किसानों ने बताया कि सात से आठ हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बीज खरीदा, जिसके अंकुरण नहीं होने से संकट खड़ा हो गया। एसडीएम ने कृषि विभाग को जांच के निर्देश हैं।
दुकानदार और कंपनी से कहा है कि किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कर दे, लेकिन कुछ नहीं किया। इसके चलते नियम अनुसार कार्रवाई कर दुकान सील कर दी है।-राम पगारे, तहसीलदार आष्टा
Published on:
23 Jul 2025 08:34 am
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